सीतापुर : ‘सौभाग्य’ बनाएगी पांच जिलों को सौभाग्यशाली

नमन कुमार 

सीतापुर। प्रधानमंत्री सहज हर घर बिजली योजना (सौभाग्य) की शुक्रवार को सीतापुर के जिला पंचायत में पांच जिलों की समीक्षा बैठक प्रमुख सचिव ऊर्जा तथा प्रबंध निदेशक ने की। बैठक में खूब फर्जी आंकड़े पेश किए गए। जिन्हें प्रमुख सचिव ने पकड़ लिया और यहां के बिजली विभाग के अफसरों को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने सभी जिलों के अफसरों को चेतावनी देते हुए कहा कि जिलों के जो भी मजरे विद्युत से दूर हैं उनमें 31 दिसंबर तक हर हाल में बिजली पहुंचाई जाए, जो कनेक्शन लेना चाहें उन्हें तत्काल दिया जाए। जिले में कार्य कर रही बजाज की कार्यदायी संस्था को चेतावनी के साथ साथ कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। डीएम ने जर्जर तारों को बदलने तथा विद्युत घटनाओं से मरने वालों को मुआवजा दिलाए जाने की बात कही। जिस पर प्रमुख सचिव ने विकास निधि तथा आरसी से आने वाली धनराशि से जर्जर तार बदलवाने एवं मुआवजा दिलाए जाने के निर्देश दिए।

विद्युत विभाग के प्रमुख सचिव ऊर्जा व अध्यक्ष उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड आलोक कुमार तथा मध्यांचल विद्यतु वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक संजय गोयल की अगुवाई तथा डीएम शीतल वर्मा के नेतृत्व में शुक्रवार को सौभाग्य योजना की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में सीतापुर सहित हरदोई, लखीमपुर खीरी, शाहजहापुर, रायबरेली के जिले शामिल हुए। विद्युत विभाग के प्रमुख सचिव ने जब बैठक में बिन्दुवार जानकारी लेनी शुरू की तो बिजली विभाग के जिन अधिकारियों ने आंकड़े पेश करने शुरू किए वह सब फर्जी पाए गए।

जिस पर उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई तथा कार्यदायी संस्थाओं को कार्य में तेजी लाने की चेतावनी दी। खुद प्रमुख सचिव ने कहा कि जो भी आंकड़े दिए जा रहे हैं वह सब के सब गलत है। ऐसा क्यों? इस पर कोई जबाब नहीं दे पा रहा था। उन्होंने कहा कि आप सभी पांचों जिलों को 31 दिसंबर तक सौभाग्य योजना के तहत सभी अधूरे कार्यों कों पूरा करना है। सभी पांच जिलों को 31 दिसंबर तक सौभाग्यशाली जिले की सूची में शामिल होना है। उन्होंनें कहा कि बिजली विभाग की ढेरों शिकायतें आ रही है। जिनमें सबसे अधिक शिकायतें ग्रामीण अंचलों से है। जहां पर बिजली के मीटर तो लगा दिए जा रहे हैं पर कनेक्शन नहीं दिए जा रहे है। यह गंभीर लापरवाही है इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जहाँ खम्भे नही है वहाँ खम्भे लगाए जाएं। तथा जर्जर हो चुके तारों को बदला जाए। सीतापुर जिले का सबसे खराब कार्य पाया गया है इसलिए सभी को निर्देशित किया जाता है कि कार्य में तेजी लाई जाए। काम फैल तो गया पर पूरा नही हुआ जिससे शिकायते आ रही है। मीटर तो लग गए पर बिजली नही पहुंची है। इसलिए मजरों कोक संतृप्त किया जाए। आप सभी के पास केवल 35 दिन शेष रह गए है। इन 35 दिनों में सभी को कार्य पूरा करना है जिसने भी लापरवाही दिखाई उसे बख्शा नहीं जाएगा। विद्युत सामान की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि बिजली विभाग के अधिकारी यहां की डीएम तक को सूचनाएं गलत प्रदान कर रहे है। डीएम ने बताया कि जिले में 70 नलकूप बंद पड़े है। जिनका सामान न मिल पाने के कारण उन्हें शुरू नहीं किया जा पा रहा है। जिले में अभी काफी विद्युत की लाइन जर्जर अवस्था में है। जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है।

फसलें तो जलती ही हैं साथ ही मरने वालों को कोई मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। जिस पर प्रमुख सचिव ने कहा कि विकास निधि तथा आरसी से आने वाली धनराशि से जर्जर तार बदले जाएं तथा मरने वालों के परिजनों को मुआवजा दिलाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि विद्युत बिल के बड़े बकाएदारों के आरसी काटी जाए। इस मौके पर अधीक्षण अभियंता एनपी सिंह, अधिशाषी अभियंता प्रथम एके श्रीवास्तव, अधिशाषी अभियंता द्वितीय सत्यपाल, अधिशाषी अभियंता बिसवां रास बिहारी पांडेय, अधिशाषी अभियंता महमूदाबाद आनंद वर्मा, अधीक्षण अभियंता रायबरेली पंकज श्रीवास्तव, शाहजहापुर के अधिशाषी अभियंता आरबी यादव, सीतापुर सिटी के एसडीएम रवी कुमार समेत लखीमपुर खीरी, हरदोई, गोला, रायबरेली आदि जिलों के अधिशाषी अभियंता व कर्मचारी मौजूद रहे।

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