अब झारखंड विधानसभा में कांग्रेस-भाजपा सदस्यों के बीच तनातनी

रांची )। झारखंड विधानसभा में शुक्रवार को सदन में विपक्ष के वरिष्ठ भाजपा विधायक सीपी सिंह और सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी द्वारा टीका-टिप्पणी किये जाने के बाद पक्ष-विपक्ष के बीच तनातनी का माहौल उत्पन्न हो गया।

कांग्रेस विधायक द्वारा उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गगोई को राज्यसभा में मनोनीत सदस्य के रूप में शपथ दिलाने और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर पक्ष और विपक्ष के सदस्य आपस में उलझ गए। कांग्रेस और भाजपा सदस्यों के बीच बकझक से शुरू हुई बात तनातनी की स्थिति तक जा पहुंची ।इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सभा की कार्यवाही को अपराहन 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इसके बावजूद भाजपा और कांग्रेस के सदस्य बाहें चढ़ाते हुए एक दूसरे को देख लेने के अंदाज में आमने-सामने आ गए, लेकिन दोनों ही दलों के वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ।

झारखंड विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल शुरू होने के पहले कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के राज्यसभा में मनोनीत सदस्य के रूप में शपथ लेने को लेकर सवाल उठाए । इसके विरोध में भाजपा के कई सदस्य वेल में आ गए। बाद में भाजपा के ही सीपी सिंह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को लेकर की गई टिप्पणी से कांग्रेस के सदस्य उत्तेजित हो गए और आसन के निकट आकर शोर-शराबा करने लगे। पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्वाह्न 11.20मिनट पर सभा की कार्यवाही को अपराहन 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

सभा की कार्यवाही दुबारा शुरू होने पर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस के कई सदस्य खड़े होकर भाजपा विधायक सीपी सिंह की टिप्पणी को लेकर शोर-शराबा करने लगे। विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि इतने वरिष्ठ सदस्य सीपी सिंह ने हल्की बातें की है, देश के एक बड़े नेता पर की गयी टिप्पणी को लेकर उन्हें माफी मांगनी चाहिए और यदि सीपी सिंह माफी नहीं मांगते हैं, तो उनके खिलाफ सदन से निंदा प्रस्ताव पारित करना चाहिए। कांग्रेस सदस्य सह स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि या तो सीपी सिंह माफी मांगे या उन्हें सदन से निलंबित किया जाए। झामुमो के स्टीफन मरांडी ने भी कहा कि सीपी सिंह वरिष्ठ सदस्य है, लेकिन जब भी वे बात रखते है, उनकी टिप्पणी और आचरण सदन को बाधित करने वाली होती है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ की गयी टिप्पणी को लेकर सीपी सिंह को माफी मांगनी चाहिए। संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने भी सीपी सिंह ने जिस तरह की टिप्पणी की है, उससे दूसरे लोगों की भावना आहत हुई है, उन्हें खेद व्यक्त करना चाहिए।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह की बातों से सदन की कार्यवाही बाधित होती है। उन्होंने सीपी सिंह से अपना पक्ष रखने को कहा, तो सीपी सिंह ने कहा कि उनकी टिप्पणी कहीं से भी असंसदीय नहीं है और इस संबंध में महाधिवक्ता से भी सलाह ली जा सकती है या किसी न्यायाधीश से जांच करा ली जाए, यदि उनकी टिप्पणी असंसदीय होगी, तभी वे माफी मांगेंगे, अन्यथा वे टूट सकते है, लेकिन झुक नहीं सकते है।

भोजनावकाश के बाद भी सत्तापक्ष के सदस्यों ने सीपी सिंह की टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने या फिर मांफी मांगने की मांग की। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सीपी सिंह के व्यवहार को चोरी कर सीनाजोरी करने की कहावत को चरितार्थ करने वाली घटना बताते हुए भाजपा विधायक को कम से कम 24 घंटे के लिए निलंबित करने की मांग की या निंदा प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया। बाद में विधानसभा अध्यक्ष के आग्रह पर अनुदान मांग के कटौती प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई।

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