सुशांत है बहाना दो राज्यों पर निशाना 

-बिहार में इसी साल नवंबर में होने है चुनाव
-सीबीआई के सहारे उद्वव ठाकरे को घेरने की तैयारी
-मध्य प्रदेश के बाद महाराष्टï्र में बड़े आपरेशन का प्लान

योगेश श्रीवास्तव

लखनऊ। मुंबई के चर्चित सुशांत सिंह राजपूत मर्डर मिस्ट्री के बहाने राजनीति में अपने-अपने तरीके से दो राज्यों में निशाने साधें जा रहे है। केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा और उसके सहयोगी दल जनतादल(यूनाईटेड) ने इस मुद्दे पर अपनी सियासत तेज कर दी है। बिहार में इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने है और सुशांत सिंह राजपूत मूलत:बिहार के रहने वाले थे। इसलिए जेडीयू इस मुद्दे पर महाराष्टï्र की गठबंधन सरकार से दो-दो हांथ करने से पीछे नहीं हट रही है। भाजपा और जेडीयू दोनों ही दलों की शुरू से मांग थी कि इस मामलें की सीबीआई जांच कराई जाए। सुशांत राजपूत मर्डर मिस्ट्री की घटना में जहां उसके परिवार को न्याय दिलाने की बात हो रही है वहीं भाजपा और जेडीयू दोनों ही इसके जरिए राजनीति कर अपना हित साधने में लगे है। सुशांत मर्डंर केस ने बिहार सरकार के साथ विपक्ष को भी महाराष्टï्र सरकार पर हमलावार होने का मौका दे दिया है।

केन्द्र में सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व कर रही भाजपा भी चाहती है कि इस मुद्दे पर जेडीयू अपनी धार को तेज रखे ताकि उद्वव सरकार की घेराबंदी करने में आसानी हो सके। इस मामलें सीबीआई जांच शुरू होने के बाद से भाजपा के साथ जेडीयू को भी राह आसान होती दिख रही है। महाराष्टï्र में शिवसेना द्वारा कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना लेने के बाद से ही शिवसेना भाजपा की आंख की किरकिरी बन गयी है।

राजस्थान में कांग्रेस का खेल बिगाडऩें में पर्दे के पीछे से लगी भाजपा का कहां तक सफलता मिलती है यह तो आने वाले कुछ दिनों में पता चल जाएगा लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने के बाद अब भाजपा का अगला निशाना महाराष्टï्र ही माना जा रहा है जानकारों की माने तो बहुत जल्द ही वहां कुछ नया देखने को मिलेगा। जिस तरह सुशांत सिंह राजपूत मर्डर मिस्ट्री में अहमं किरदार रही रिया चक्रवर्ती का नाम महाराष्टï्र सरकार के मंत्री और उद्वव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे साथ आया है उसके बाद भाजपा और जेडीयू दोनों को ही शिवसेना और उसके सहयोगी दलों को घेरने में कोई दिक्कत नहीं होने वाली। सीबीआई जांच शुरू होने से पहले महाराष्टï्र के मंत्री आदित्य ठाकरें द्वारा इस मामलें कोई भूमिका न होने की सफाई देने के बाद से भाजपा को लगता कि उसका तीर निशाने पर लगने वाला है।

भाजपा को यह भी लगता है कि महाराष्टï्र में तो उसका मंसूबा पूरा होगा ही साथ इसी घटना से बिहार में भी नीतीश कुमार की चुनाव वैतरणी पार लगेगी। महाराष्टï्र में भाजपा और शिवसेना का गठबंधन पुराना है दोनों दल मिलकर कई बार सरकार चला चुके है। शिवसेना और भाजपा दोनो महाराष्टï्र में बारी-बारी से गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर चुकी है। इस बार भी चुनाव होने के बाद गतिरोध उत्पन्न होने के कुछ दिन बाद भाजपा और एनसीपी के कुछ विधायकों के साथ आने के बाद देवेन्द्र फडऩवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी लेकिन बाद में अजित पवार के पल्टीमारने के बाद से सारे समीकरण बदल गए थे और कट्टïरहिन्दुत्व का चोला धारण करने वाली शिवसेना ने सरकार का नेतृत्व करने के लिए कांग्रेस और और राष्टï्रवादी कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली। जानकारों की माने तो इस बार भाजपा बड़ा दांव खेलने जा रही है।

सुशांत केस मे ंआदित्य ठाकरें और रिया चक्रवर्ती का नाम आने के बाद भाजपा को अब अपना गेमप्लान आसान लगने लगा है। हालांकि इससे पहले महाराष्टï्र भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुशांत राजपूत एपिश्योड से पहले यह बयान दे चुके है जल्द ही महाराष्टï्र की राजनीति में कुछ नया होने वाला है।

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