देश भर से जुटे थे तब्लीगी और मजहबी लोग, मरकज में मिले कोरोना संदिग्धों ने बढ़ाई चिंता

नई दिल्ली । दुनिया जहां कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है, वहीं दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज (केंद्र) ने लापरवाही की सारी हदें पार कर दी हैंं। देश में लॉक डाउन घोषित हो जाने के बावजूद यहां सात देशों के करीब पांच सौ जमाती छिपे बैठे थे। पुलिस जब यहां पहुंची तो भगदड़ सी मच गई लेकिन करीब 200 लोग पकड़ में आ गए, जिन्हें दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। बाकियों की तलाश जारी है। इस मामले में स्थानीय पुलिस की भी भारी लापरवाही सामने आ रही है।
पुल‍िस के वर‍िष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, निजामुद्दीन में पकड़े गए लगभग 200 लोगों में से 24 लोगों मिले कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हो गई है। यह संख्या बढ़ भी सकती है। रविवार रात से ही इन लोगों की जांच चल रही है। 6 की पुष्टि कल रात ही हुई। 18 आज मिले पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से 2 विदेशी हैं। बाकी कोलकाता, तमिलनाडु, कश्मीर और असम के हैं। इस तरह दिल्ली में सोमवार को कुल 25 नए मामले सामने आए हैं, इनमें से 18 निजामुद्दीन की मरकज वाले और बाकी 7 शेष दिल्ली से हैं।
इस मामले में दिल्ली सरकार की तरफ से पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के आदेश भी दिए गए हैं। सरकार की तरफ से कहा गया है कि यह बड़ी लापरवाही है और इसके चलते कई लोगों की जान को खतरे में डाला गया है। इसलिए इसे अपराध मानते हुए तत्काल कार्रवाई की जाए।

पुलिस दर्ज कर रही एफआईआर
दिल्ली सरकार का साफ कहना है कि वह इस मामले में आयोजक के मौलाना के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मौलाना की लापरवाही के चलते काफी लोगों के जीवन को खतरा उत्पन्न हो गया है। लॉक डाउन के दौरान यह प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है कि इस तरह बड़ी संख्या में लोग कहीं भी एकत्रित ना हो। यह एक अपराध है।

यह है पूरा मामला
निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज (केंद्र) में 14-15 मार्च के बाद से विदेशी जमातियों की भीड़ जुटने लगी थी। 16 से 18 मार्च तक यहां तब्लीगियों का सम्मेलन हुआ, जिसमें देश भर से भी तब्लीगी व अन्य इस्लामी विद्वान और जानकार जुटे। अभी ठीक संख्या का अनुमान नहीं है, पर यह संख्या हजारों में है। सम्मेलन के बाद अधिकांश तब्लीगी लौट गए पर कोरोना की वजह से जब 24 मार्च की शाम को देश में लॉकडाउन किया गया तो मरकज में चीन, यमन, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, सऊदी अरब और इंग्लैंड के करीब 1400-1500 जमाती मौजूद थे। इसके बाद धीरे-धीरे समूह बनाकर ये तमाम विदेशी यहां से निकल लिए।
इनमें से कुछ के बीमार होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर रविवार को तड़के 3.30 बजे यहां छापा मारा तो करीब 500 जमाती मौजूद थे। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग का अमला अचानक पहुंचने से भगदड़ सी मच गई। इस अफरा-तफरी में करीब 200 जमाती पकड़ में आये और बाकी भाग निकले।
पुलिस की पकड़ में आये 200 से अधिक जमातियों को कोरोना संदिग्ध मानकर दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। निजामुद्दीन के कुछ लोगों का दावा है कि मरकज में मौजूद कई लोगों को बुखार और जुकाम की शिकायत थी। भाग निकले जमातियों पर ड्रोन से नजर रखकर उनकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने सोमवार को पूरे निजामुद्दीन इलाके को सील कर दिया है। राजधानी में कोरोना वायरस लेकर अब दिल्ली पुलिस ड्रोन कैमरे के जरिए मार्केट व कॉलोनियों पर नजर रख रही है। ऐसे में सोमवार को दिल्ली के बहुत से इलाकों में ड्रोन कैमरे के जरिए पुलिस ने निगरानी की।
जानकारी के अनुसार भारत में तब्लीगी जमात का केंद्र निजामुद्दीन मरकज है। देश ही नहीं पूरी दुनिया से धार्मिक लोगों की टोली इस्लाम का प्रचार-प्रसार करने के दौरान निजामुद्दीन मरकज पहुंचती है। मरकज में तय किया जाता है कि देशी या विदेशी जमात को भारत के किस क्षेत्र में जाकर प्रचार-प्रसार का काम करना है। विदेशों से आने वाली ज्यादातर जमात चार माह के लिए आती है जबकि अपने ही देश की जमात, चार माह, चालीस दिन, दस दिन या तीन दिन के लिए निकलती हैं। इसमें तीन दिन या दस दिन की जमात को लोगों के घरों के आसपास ही रखा जाता है। चालीस दिन या चार माह की जमात को निजामुद्दीन मरकज आकर आगे अपने गंतव्य के लिए रवाना किया जाता है। पूरे साल निजामुद्दीन मरकज में लाखों विदेशी व भारती जमातें पहुंचती हैं। एक-दो दिन या उससे ज्यादा के लिए उनके खाने-पीने और रहने का इंतजाम मरकज में किया जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी शर्मा/जितेन्द्र तिवारी

Submitted By: Edited By: Jitendra Tiwari Published By: Jitendra Tiwari at Mar 31 2020 12:19AM

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