जनपद में तीन दिन तक चला किशोरी स्वास्थ्य जांच अभियान 

नौ फीसदी किशोरियां एनीमिक मिलीं

एनीमिक किशोरियों को दी गईं आयरन की गोली

अभियान में बेहतर पोषण की भी दी गई जानकारी

 

गाजियाबाद। जनपद में तीन दिन तक किशोरी स्वास्थ्य जांच अभियान चलाया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वार्ष्णेय  ने बृहस्पतिवार को बताया कि अभियान के दौरान 11 से 14 वर्ष के आयु वर्ग वाली 3300 से अधिक किशोरियों की बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) और एनीमिया की जांच की गई। जांच के दौरान इनमें से कुल 297 किशोरियां एनीमिक मिलीं। अभियान के दौरान आशा, एएनएम और बाल विकास परियोजना अधिकारियों ने एनीमिक किशोरियों को आयरन की गोलियां दीं और उन्हें इस्तेमाल करने के तरीके से भी अवगत कराया। आयरन की गोली के साथ विटामिन सी युक्त नींबू, आंवला, संतरा या कीनू का जूस पीने की सलाह दी गई, साथ ही सचेत किया गया कि आयरन की गोली कभी भी दूध या चाय के साथ न लें।

इसके साथ ही किशोरियों को हरी सब्जियां, पालक, गुड़, चना, सहजन, अंकुरित दालें, विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ और प्रोटीन युक्त भोजन के सेवन के संबंध में सलाह दी गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि किशोरी दिवस पर शुरू किया गया जांच अभियान 10 जुलाई तक चला। यह जांच अभियान जिले के सभी253 एएनएम उपकेंद्रों पर चलाया गया। अभियान के दौरान पूरे जनपद में 11 से 14 वर्ष की करीब 4200 किशोरियों की बीएमआई और एनीमिया जांच का लक्ष्य था। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से 3300 से अधिक किशोरियों की जांच की गई। इनमें से करीब तीन सौ किशोरियां एनीमिक मिलीं हैं। सभी एनीमिक किशोरियों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण की जानकारी दी गई है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि एनीमिक पाई गई किशोरियों की अगले चरण में फिर से जांच की जाएगी। इस बीच आशा कार्यकर्ता बीच-बीच में भी किशोरियों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रेरित करेंगी। इन किशोरियों को आईसीडीएस विभाग की ओर से पोषण भी उपलब्ध कराया जाएगा और साथ ही आयरन की गोलियां भी वितरित की जाएंगी।

भोजपुर की बाल विकास परियोजना में सबसे अधिक करीब 900 किशोरियों की जांच हुई। यहां लक्षित आयु वर्ग की करीब एक हजार किशोरियां हैं। भोजपुर में कुल 92 किशोरियों में खून की कमी पाई गई। दूसरे नंबर पर शहर बाल विकास परियोजना में 700 से अधिक किशोरियों की जांच हुई, शहर में कुल 26 किशोरियां एनीमिक मिलीं। यहां 900 से अधिक किशोरियों की जांच लक्षित थी।  रजापुर बाल विकास परियोजना में सबसे कम किशोरियां उक्त आयु वर्ग की चिन्हित की गई थीं। लेकिन कवरेज के मामले में रजापुर परियोजना नंबर एक पर रही। यहां कुल लक्षित 415 किशोरियों में से 403 किशोरियों की जांच की गई और 13 किशोरियां एनीमिक पाई गईं। लोनी में कुल 885 लक्षित किशोरियों में से 637 की जांच हुई, इनमें से 69 किशोरियों में खून की कमी दर्ज की गई। इसके अलावा मुरादनगर में987 लक्षित किशोरियों के सापेक्ष 672 की जांच हुई और 97 किशोरियां एनीमिक मिलीं।

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