बोझ बता जिस एयर इंडिया को बेच रही मोदी सरकार, उसे पीयूष गोयल खरीदना चाहते हैं, क्यों?

केंद्र की मोदी सरकार के सारे फैसले जितने निराले हैं, उतने ही निराले इस सरकार के मंत्री हैं। अब मोदी सरकार लंबे समय से बोझ बताकर जिस सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया को बेचने का जुगाड़ लगा रही है, उसी को अब सरकार के मंत्री सोने की खान बता रहे हैं। इतना ही नहीं मंत्री जी को इस बात का भी दुख है कि मंत्री पद पर होने के कारण वह एयर इंडिया की निलामी में बोली नहीं लगा पाएंगे।

दरअसल ये मंत्री कोई और नहीं, बल्कि मोदी सरकार के वर्तमान रेल मंत्री पीयूष गोयल हैं। गोयल ने दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच में गुरुवार को बोलते हुए यहां तक कह दिया कि अगर वो मंत्री न होते तो अब तक एयर इंडिया को खरीदने के लिए बोली लगा चुके होते। यहां बता दें कि मोदी सरकार में गोयल रेल मंत्री के साथ-साथ वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

गोयल ने ये बात एयर इंडिया, बीपीसीएल जैसी भारत में सरकारी कंपनियों में विनिवेश को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कही। गोयल ने कहा कि पहले कार्यकाल में मोदी सरकार को अर्थव्यवस्था खराब हालत में मिली थी, जिसके बाद सरकार ने इसे पटरी पर लाने के काफी प्रयास किए, जिससे अब हालात बेहतर हुए हैं। इसलिए अब विनिवेश की प्रक्रिया शुरू हुई है, क्योंकि अगर सरका पहले इन बहुमूल्य कंपनियों का विनिवेश करती तो अच्छी कीमत नहीं मिलती।

यर इंडिया के बारे में बोलते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि देश में निवेश करने को लेकर निवेशकों में काफी उत्साह है। उन्होंने कहा, “अगर मैं आज मंत्री नहीं होता तो मैं एयर इंडिया के लिए बोली लगाता। इसके पास दुनिया भर में कुछ बेहतरीन द्विपक्षीय समझौते हैं। दक्ष और बेहतर ढंग से व्यवस्थित एअर इंडिया के पास काफी अच्छे विमान हैं इस लिहाज से यह किसी सोने की खान से कम नहीं है।”

बता दें कि एयर इंडिया बीते कुछ साल से लगातार घाटे में है, जिसके चलते मोदी सरकार लंबे समय से इसमें विविनेश करना चाहती है। इन दिनों सरकार इसमें विनिवेश की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में लगी है। लेकिन इसी बीच एयर इंडिया को केंद्रीय मंत्री द्वारा सोने की खान बताने से सवाल उठने लगे हैं कि अगर ऐसा है तो फिर उनकी सरकार इस सोने की खान को बेचने पर क्यों तुली है।

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