एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में राजग ने मारी बाजी

एनडीए को सत्ता से दूर रखने मे ंफिर फेल हुआ महागठबंधन
-मम्मी पापा के बाद बेटे को मिली करारी शिकस्त
-चिराग की नीतीश की सीएम बनने की जिद नहीं हुई पूरी
-राजद ने महागठबंधन की हार का ठीकरा कांग्रेस के सिर फोड़ा

योगेश श्रीवास्तव
लखनऊ। बिहार विधानसभा चुनाव में एक बार फिर यूथ ब्रिगेड की हवा निकल गयी। साथ ही महागठबंधन की राजग गठबंधन को सत्ता से दूर रखने की सारी कोशिश पर पानी फिर गया। राजद के सर्वेसर्वा और नेता प्रतिपक्ष रहे तेजेस्वी यादव और तेजप्रताप के जहां सरकार बनानें के मंसूबों पर पानी फिरा तो लोकजनशक्ति पार्टी के मुखिया सांसद चिराग पासवान की नीतीश कुमार की मुख्यमंत्री न बनने की जिद भी पूरी नहीं हुई है।

वे के न्द्र में तो एनडीए के साथ थे लेकिन बिहार में एनडीए से बाहर रहकर नीतीश कुमार की राह में क ांटे बिछाने की मुहिम में लगे थे। इसी तरह भाजपा के बागी हो चुके शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र और कांग्रेस के युवा नेता लव सिन्हा भी चुनाव हारकर अपने मम्मी पापा की तरह खामोश हो गए। बता दे २०१९ के लोकसभा चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा बिहार में पटना सािहब से कांग्रेस के उम्मीदवार थे तो उनकी पत्नी और लव मिन्हा मां पूनम सिन्हा लखनऊ से सपा की उम्मीदवार थी दोनों को ही चुनाव मं हार का सामना करना पड़ा। भाजपा में रहते हुए केन्द्र मे कैबिनेट मंत्री रहे शत्रुघ्न सिन्हा लोकसभा चुनाव से लेकर बिहार के विधानसभा चुनाव तक भाजपा नेतृत्व के साथ नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे लेकिन उनकी भी सारी कोशिश नाकाम साबित हुई। राजद के युवा नेता तेजेस्वी यादव ने इस बार बहुमत का आंकड़ा पाने की गरज से लोकलुभावन घोषणाएं करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी लेकिन बावजूद इसके वहां की जनता पर राजग गठबंधन का ही जादू चला। सुशाासन बाबू के नाम से बिहार की राजनीति में लोकप्रिय नीतीश कुमार की स्वीकार्यता और विश्वसनीयता पर वहां की जनता ने फिर मुहर लगाई।

हालांकि इस बार के चुनाव नतीजों ने भाजपा के सहयोगी दल जेडीयू को बड़ा झटका दिया। इस बार बिहार में भाजपा का प्रदर्शन पहले से बेहतर रहा तो जद यू का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा। बावजूद इसके बिहार में राजग गठबंधन बहुमत का आंकड़ा पाने मे सफल रहा। राजग गठबंधन का रास्ता रोकने की गरज से किसी दल या दूसरे गठबंधनों ने कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन लोजश भले ही कोई प्रदर्शन न कर पाई हो लेकिन इस बार जनता दल(यू)को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। और हुआ भी यहीं भले लोजश किसी निर्णायक भूमिका में न पहुंचा हो लेकिन उसने जेडीयू सीटे कम करवाने मे काफी अहमं भूमिका निंभाई। अब महागठबंधन ने अपनी हार का ठीकरा कांग्रेस के पूर्व राष्टï्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर फोड़ दिया है।

राजद के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि कांग्रेस ने महागठबंधन में रहते हुए सत्तर सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन राहुल गांधी ने केवल तीन सीटों पर ही रैलियां की है। इससे साफ है कि चुनाव को लेकर कांग्रेस शुरू से ही गंभीर नहीं थी। तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी की तरह प्रियंका गांधी ने भी बिहार विधानसभा चुनाव में एक भी सभा या रैली नहीं की।

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