पंखुड़ी की शादी से 1 दिन पहले सामने आई होने वाले पति अनिल यादव की पहली पत्नी, लगाए ये आरोप

नोएडा । कांग्रेस की राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट और पूर्व सपा नेता पंखुड़ी पाठक और सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल यादव की शादी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। इस बीच पंखुड़ी ने अनिल यादव की पूर्व पत्नी ज्योति यादव द्वारा लगाये गए आरोपों को नकार दिया है। ज्योति ने अनिल व उनके भाई पर बंधक बनाने के साथ अन्य गम्भीर आरोप लगाये थे।

पंखुड़ी ने इन आरोपों को झूठा करार दिया है। वहीं उन्होंने शुक्रवार देर रात ट्विटर और इंस्टाग्राम पर अपनी मेहंदी और हल्दी के रस्म की तस्वीरें शेयर करने के सा​थ ही बिना नाम लिए ज्योति यादव पर निशाना साधा। पंखुड़ी ने लिखा कि सत्य वह सूरज है जिसे फरेब के बादल ढक सकते हैं लेकिन बुझा नहीं सकते।

इससे पहले गाजियाबाद के विजयनगर निवासी ज्योति यादव ने नोएडा के प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता करके शुक्रवार को कहा कि जुलाई 2013 में उनकी शादी सेक्टर-62 नवादा गांव के अनिल यादव से हुई थी। मई 2015 में बेटे का जन्म हुआ। इसी दौरान अनिल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता बन गए। सपा सरकार ने सितम्बर 2016 में अनिल यादव और पंखुड़ी पाठक समेत अपने नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को अमेरिका भेजा। वहां से लौटते ही अनिल का व्यवहार बदल गया और उसने मारपीट शुरू कर दी।

ज्योति ने आरोप लगाया कि अनिल के मोबाइल में दोनों का अश्लील वीडियो मिला। अनिल से जानकारी मिली कि वीडियो पंखुड़ी ने बनाया है और वह उसे ब्लैकमेल कर शादी करने का दबाव बना रही है। ज्योति के मुताबिक इसके बाद जब अनिल ने तलाक मांगा तो उन्होंने इनकार कर दिया। आरोप है कि बेटे को जान से मारने की धमकी देकर सितम्बर 2018 में तलाक ले लिया। ज्योति के मुताबिक तलाक के बाद भी उसे वापस मायके नहीं जाने दिया गया और 14 महीने तक घर में रखकर अनिल और उसके छोटे भाई ने शारीरिक उत्पीड़न किया।

इस आरोप पर अनिल यादव ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर सारे आरोपों को खारिज करते हुए पहली पत्नी पर आरोप लगाया कि वह रुपये लेने के लिए यह सब कर रही है। अनिल के मुताबिक उन्होंने अपने तलाक के लिए कोर्ट की गिनरानी में 50 लाख रुपये ज्योति के खाते में जमा किए। तलाक के तुरंत बाद वह नवादा गांव छोड़कर सेक्टर-78 में रहने लगे। वहीं इसके बाद भी ज्योति ने उनका घर नहीं छोड़ा। उनकी पंखुड़ी से शादी होने की खबर मिलते ही ज्योति ने कोठी भी अपने नाम करवाने की मांग की। इनकार करने पर वह झूठे आरोप लगा रही है।

पंखुड़ी पाठक ने 2010 में दिल्ली के हंसराज कॉलेज के चुनाव में संयुक्त सचिव पद का चुनाव जीता था। वह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की करीबी मानी जाती थीं। 2017 पंखुड़ी प्रदेश में विधानसभा चुनाव में सपा की हार के बाद त्यागपत्र देकर कांग्रेस में चली गई थीं और वर्तमान में राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट के रूप में सक्रिय हैं। एक दिसम्बर को पंखुड़ी पाठक एवं अनिल यादव की शादी है, जिसकी रस्में चल रही हैं।

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