सावन का माह भगवान शिव की अराधना के लिए सबसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. श्रावण 2018 की शुरुआत 28 जुलाई से प्रारंभ हो रहे हैं. इस माह में भोले नाथ की पूजा करना साल भर पूजा करने समान होता है. इस पूरा माह भोलेनाथ को जल जल और बेल पत्थर आदि चढ़ाकर प्रसन्न किया जाता है. शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर श्रद्धालुओं की मनोकामनाओं को पूरी करते हैं.
अक्सर आपने देखा होगा सावन के माह में भक्त कई प्रकार के फूल व बेल पत्थर चढ़ाकर भोलेनाथ को खुश करते हैं. लेकिन भोलेनाथ को सावन के माह में शंख पुष्पी का फूल चढ़ाना सबसे खास होता है. इस फूल को चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होकर धन की कमी दूर कर करते हैं. शंखपुष्पी फूल को आय बढ़ाने वाला फूल भी कहा जाता है. इस फूल को चढ़ाने के बाद शिव के चरणों से टपकता जल अपने माथे पर लगाएं.
सावन के माह में सबसे अहम होता है सावन सोमवार की पूजा और व्रत. सावन में चार या पांच सोमवार पड़ते हैं जिस दिन व्रत कर भोले नाथ की विशेष तौर पर पूजा की जाती है. इस दिन भोले नाथ को सबसे पहले जल चढ़ाकर, चंदन का टीक लगाया जाता है और इसके बाद भोले नाथ को शंखपुष्पी फूल अर्पित करें और जोत व धूप दें. इस व्रत को सबसे सरल और अहम माना जाता है.
इस साल सावन माह 28 या 29 नहीं पूरे 30 दिनों का होगा.
अब आप सोच रहेंगे ऐसा कैसे, तो बता दें कि 30 दिनों का सावन माह होने के पीछे अधिकमास होने का कारण है. बता दें कि 28 जुलाई से 26 अगस्त यानी रक्षाबंधन वाले दिन सावन का महीना समाप्त होगा. इस साल सावन माह में 4 सोमवार पड़ेगे और सावन माह का पहला सोमवार 30 जुलाई को है. सावन में सोमवार व्रत और शिवलिंग पर चल चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है. इस साल अगस्त माह में भी बहुत से पर्व आ रहे हैं, जैसे कि 11 अगस्त 2018 को हरियाली अमावस्या, 13 अगस्त को हरियाली तीज का व्रत, 15 अगस्त को नागपंचमी का पर्व, रक्षाबंधन 26 अगस्त 2018 को होगा.