TRP Scam: : मुंबई पुलिस कमिश्नर ने कहा-चार में से तीन गवाहों ने मैजिस्ट्रेट के सामने लिया रिपब्लिक टीवी का नाम

मुंबई
टीआरपी घोटाले (TRP Scam) की जांच कर रही मुंबई पुलिस ने बताया है कि चार लोगों ने मैजिस्ट्रेट के सामने बयान देकर चैनल देखने के लिए भुगतान किए जाने का बयान दर्ज कराया है। चैनलों के खिलाफ कार्रवाई में इन चार लोगों को गवाह के तौर पर पेश किया जाएगा।

मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने पुष्टि करते हुए बताया कि चार में से तीन गवाहों ने मैजिस्ट्रेट के सामने रिपब्लिक टीवी का नाम लिया। वहीं एक अन्य ने बॉक्स सिनेमा के खिलाफ बयान दिया। सिंह ने बताया कि गवाहों ने रिपब्लिक के अधिकारियों का नाम लेते हुए उनके व्यूअरशिप बढ़ाने के खेल में शामिल रहने की बात की।

टीआरपी के खेल में शामिल हैं रिपब्लिक सहित कुछ चैनल
कमिश्नर ने अधिक खुलासा करने से इनकार करते हुए इससे जांच के प्रभावित होने का खतरा बताया। व्यूअरशिप बढ़ाने के आरोप में रिपब्लिक टीवी, बॉक्स सिनेमा और फैक्ट मराठी चैनल की जांच की जा रही है। पुलिस ने बताया कि गवाहों के बयान सीआरपीसी के सेक्शन 164 के तहत दर्ज किए जा रहे हैं, इसमें मैजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज किया जाता है।

गिरफ्तार लोगों ने स्वीकार किया कि वे रैकेट का हिस्सा
इस मामले में अभी तक गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में से 3 ने पुलिस को बताया कि वे एक रैकेट का हिस्सा हैं और चैनल देखने के लिए भुगतान किया जाता था। इन 3 में से एक हंसा रिसर्च का कर्मचारी भी है। फर्जी टीआरपी घोटाला तब प्रकाश में आया जब रेटिंग्स एजेंसी ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) ने ‘हंसा रिसर्च ग्रुप’ के जरिए एक शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया कि कुछ टीवी चैनल टीआरपी की संख्या में हेरफेर कर रहे हैं।

रिपब्लिक टीवी के सीनियर एग्जीक्यूटिव एडिटर से पूछताछ

इस बीच असिस्टेंट इंस्पेक्टर सचिन वाजे ने रिपब्लिक टीवी के सीनियर एग्जीक्यूटिव एडिटर अभिषेक कपूर से गुरुवार को 3 घंटे तक पूछताछ की और बयान दर्ज कराया। इसी तरह बुधवार को पुलिस ने चैनल के एग्जीक्यूटिव एडिटर निरंजन नारायनस्वामी का बयान दर्ज किया था। कपूर से टीआरपी स्कैम की एफआईआर कॉपी को भी टेलिकास्ट किए जाने को लेकर पूछताछ की गई।

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