उन्नाव गैंगरेप मामलाः सीबीआई ने भाजपा विधायक के खिलाफ दायर की चार्जशीट 

लखनऊ:  उन्नाव गैंगरेप में मामले के आरोपी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को चार्जशीट दायर की है। इससे पहले सात जुलाई को सीबीआई ने पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत के सिलसिले में बीजेपी एमएलए कुलदीप सिंह सेंगर के भाई और चार अन्य के खिलाफ अपना पहला आरोप पत्र दायर किया था।

उस व्यक्ति की बेटी से कथित तौर पर बलात्कार करने को लेकर बीजेपी विधायक जेल में हैं। जांच एजेंसी ने विधायक के भाई जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह सेंगर, उसके साथी विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, बीरेंद्र सिंह उर्फ बऊवा, रामशरण सिंह उर्फ सोनू सिंह और शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। सभी राज्य के उन्नाव जिले के माखी गांव के निवासी हैं।

जानिए उन्नाव गैंगरेप केस जून 7 से कब क्या-क्या हुआ?11 जून 2017: एक दिन शुभम नाम के लड़के साथ लड़की अचानक गायब हो गई और ने शुभम पर आरोप लगाया, अवधेश पर केस किया।
21 जून 2017: जिसके बाद जांच के बाद पीड़िता पुलिस को मिली।
22 जून 2017: मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता ने बयान में कहा कि उसके साथ तीन लोगों ने गैंगरेप किया है। जो बीजेपी विधायक के समर्थक गैं। जिसके बाद तीनों आरोपी गिरफ्तार किए गए।
22 जुलाई 2017: पीएम को पीड़िता ने चिट्ठी लिखी और विधायक कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया।
30 अक्टूबर 2017:पीड़िता व उसके परिवार पर विधायक समर्थकों ने मानहानि का केस किया, पीड़िता के घरवालोंपर विधायक को रावण बताने वाला पोस्टर लगाने का आरोप।
22 फरवरी 2018:  उन्नाव जिला अदालत में पीड़िता ने अर्जी दी, जिसमें विधायक पर रेप का आरोप लगाया, उसमें शुभम की मां पर नौकरी के बहाने विधायक के घर ले जाने का आरोप लगाया गया।
3 अप्रैल 2018: कोर्ट से आते समय पीड़िता के परिवार पर हमला,  विधायक के भाई ने की मारपीट। पुलिस ने आरोपियों की जगह पीड़िता के पिता पर आर्म्स एक्ट में केस किया।
4 अप्रैल 2018: विधायक समर्थकों पर डीएम से शिकायत के बाद केस दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस ने विधायक के भाई पर कोई केस नहीं किया।
4 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता को जेल भेज दिया गया।
9 अप्रैल 2018: चार दिन बाद सुबह पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई जिसके बाद विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर समेत चार आरोपी गिरफ्तार किये गये।
10 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता के पोस्टमार्टम के बाद हत्या की धारा जोड़ी गई। लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसवाले निलंबित किए गए, जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया।
11 अप्रैल 2018: उन्नाव गैंगरेप की जाँच के लिए गठित एसआईटी ने रिपोर्ट दी। एसआईटी ने पीड़िता के परिवार पर दबाव और उसके पिता की हवालात में मौत में लापरवाही की बात की।
12 अप्रैल 2018- बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी। विधायक के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ ही पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
13 अप्रैल 2018- मामले में आरोपी  विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी हुई है।

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