यूपी : हॉस्पिटल के बाहर बारिश में भीगता रहा मज़दूर का शव, पिता मृतक के पास बिलखता रहा…!

लखीमपुर खीरी में एक बार फिर डॉक्टरों की संवेदनहीनता सामने आई है, जहां एक मजदूर के शव को अस्पताल परिसर में खुले में छोड़ दिया गया। शव बारिश में भीगता रहा। इस दौरान मृतक मजदूर का मजबूर पिता मृतक के शव के पास बिलखता रहा, लेकिन डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा। उसने कई बार अस्पताल स्टाफ से कहा कि अपने बच्चे का शव अस्पताल के बरामदे में रख ले, ताकि वह भीगे न लेकिन अस्पताल स्टाफ ने उसे अस्पताल बिल्डिंग के अंदर शव को रखने से मना कर दिया। शव को भीगता देख वहां मौजूद लोगों ने थोड़ी झिल्ली लाकर शव को भीगने से बचाने की कोशिश की।

घटना लखीमपुर खीरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निघासन की है। निघासन थाना क्षेत्र के गांव हरद्वाही निवासी अनिल अपने पड़ोस के एक खेत में काम करने गया था, जहां पर पैर फिसलने से ट्रैक्टर में लगे रोटावेटर में फंस जाने के चलते वह बहुत गंभीर रूप से घायल हो गया। जब तक उसके परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, तब तक अनिल की मौत हो चुकी थी। डॉक्टरों ने शव को अस्पताल के बाहर रख दिया। इसके तुरंत बाद ही बारिश शुरू हो गई, जिस पर मृतक के पिता ने बारिश से बचाने के लिए शव को अस्पताल के बरामदे में ही रखने की गुजारिश की, लेकिन डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी ने ऐसा करने से मना कर दिया। 

मजबूर पिता भीगते हुए शव के पास बैठा रहा, आसपास के लोगों ने कुछ पन्नी लाकर शव को भीगने से बचाने का प्रयास जरूर किया। इस मामले में स्वास्थ्य महकमे की संवेदनहीनता को सामने लाकर खड़ा कर दिया है। कहीं न कहीं यह घटना पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही हैं। वहीं, इस मामले में पुलिस का रवैया भी काफी लचर दिखाई दिया।

जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह का कहना है एक मजदूर अनिल की ट्रैक्टर के रोटावेटर में फंस कर घायल हो गया था, निघासन सीएचसी पहुंचने से पहले उसकी मौत हो गई थी। डॉक्टरों द्वारा उसको मृत घोषित कर दिया गया और शव अस्पताल के बाहर बरामदे में रखवा दिया गया, उन्होंने माना कि शव बारिश में भीग गया था, लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के मामले में वह बचाव करते दिखे। उन्होंने कहा कि इस तरीके का कोई लापरवाही हुई है तो भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं।

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