अपडेट, विकास दुबे के नौकर ने किया खुलासा, थाना पुलिस की लापरवाही से शहीद हुए आठ पुलिस कर्मी

  • चौबेपुर थाना से फोन आने पर विकास ने बुलवाया था 50 असलहाधारी बदमाश
  • चार घंटे विकास ने की थी तैयारी, सबको कफन में भेजने की कह रहा था बात

कानपुर, । सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों के शहीद होने के बाद से हर व्यक्ति लगातार यही कयास लगा रहा था कि कोई न कोई पुलिस भेदिया जरुर है। देर रात पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार हिस्ट्रीशीटर व घटना का मुख्य अभियुक्त विकास दुबे का नौकर भी इस बात पर मुहर लगा दी। प्राथमिक पूछताछ पर उसने बताया कि पुलिस दबिश की जानकारी विकास को चार घंटे पहले ही हो गयी थी और यह जानकारी थाना पुलिस ने दी थी। नौकर ने कहा कि थाना पुलिस की लापरवाही से आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गये।

चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में गुरुवार की देर रात बिल्हौर सीओ देवेन्द्र मिश्रा की अगुवाई में तीन थाना क्षेत्र का फोर्स शातिर अपराधी व हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गया था। अपराधी ने गांव के मुख्य रास्ते को जेसीबी लगाकर रोक दिया था और जैसे ही पुलिस टीम पैदल गांव में प्रवेश की तो बदमाशों ने गोलीबारी करके सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों को शहीद कर दिया। इस वारदात के बाद से ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के द्वारा लगातार यह कयास लगाया जा रहा था कि कोई न कोई पुलिस भेदिया है जो पुलिस कार्रवाई की जानकारी विकास दुबे को दी। इसी के चलते वह सतर्क हो गया और घटना को अंजाम दिया। इस कयास की पुष्टि उस समय रविवार को हो गयी जब देर रात पुलिस मुठभेड़ में घायल विकास दुबे के नौकर दयाशंकर अग्निहोत्री को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया।

इलाज के दौरान एसटीएफ ने उससे सघन पूछताछ की। नौकर ने बताया कि घटना के दिन घर पर विकास अकेले था और घर में मेरे लाइसेंसी असलहा के अलावा कोई भी असलहा नहीं था। करीब आठ बजे चौबेपुर थाना से एक फोन आया और पुलिस दबिश की बात कही गयी। इस पर विकास फोन से अपने साथियों को बुलाने लगा और मुझे कमरे में बंद करके मेरा लाइसेंसी असलहा लेकर बाहर चला गया। करीब डेढ़ घंटा बाद विकास वापस आया तो उसके साथ करीब 50 असलहाधारी थे। रात साढ़े बारह बजे पुलिस टीम पहुंचने से पहले उसके पास बराबर थाना पुलिस और अन्य लोगों के फोन आते रहे। फोन बंद होने पर विकास एक ही बात कहता रहा कि आने दो सभी को कफन में भिजवाऊंगा, ताकि दोबारा पुलिस कभी दबिश की जुर्रत न कर सके। नौकर ने बताया कि विकास ने करीब चार घंटे तक पूरी तैयारी की और असलहाधारी बदमाशों को अलग-अलग जगहों पर बैठाया। इसके बाद जैसे ही पुलिस टीम पहुंची तो उन पर फायरिंग की गयी और आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गये। उसने कहा कि अगर थाना पुलिस जानकारी न देती तो इतनी बड़ी घटना न होती।

कल्याणपुर से गिरफ्तार हुआ दयाशंकर

कल्याणपुर पुलिस ने देर रात विकास दुबे के नौकर दयाशंकर अग्निहोत्री उर्फ कल्लू को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। वह वारदात के बाद से फरार था और कल्याणपुर के आसपास सक्रिय रहता था। यहीं पर विवादित जमीनों के कारोबार में विकास दुबे का साथ देता था, उसपर कल्याणपुर थाने में तीन मुकदमे दर्ज हैं। दो मुकदमे हत्या के प्रयास और एक मुकदमा आर्म्स एक्ट का है। पुलिस के मुताबिक कल्लू की लोकेशन जवाहरपुरम पुलिया के पास मिली। इसके बाद पुलिस टीमों ने घेराबंदी की तो कल्लू ने भागने का प्रयास किया। बचने के लिए उसने पुलिस पर फायरिंग की तो पुलिस ने जवाबी फायरिंग करते हुए उसे पकड़ लिया। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि मुठभेड़ में दयाशंकर अग्निहोत्री को गिरफ्तार कर लिया गया है, उसके बाएं पैर में गोली लगी है। उससे पूछताछ करके विकास दुबे के बारे में भी अन्य जानकारियां हासिल की जा रही हैं।

बचपन से विकास के घर पर रहता है दयाशंकर

बता दें कि देर रात पुलिस ने विकास दुबे के साथ रहने वाले दयाशंकर को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि दयाशंकर के पैर में गोली लगी है। पुलिस से पूछताछ में उसने बताया कि उसके परिवार को दो बेटियां और पत्नी है। पत्नी का नाम रेखा दो बेटियां मुस्कान और महक है। पूछताछ के दौरान दयाशंकर ने बताया कि तीन साल की उम्र में ही उसके माता-पिता का निधन हो गया था, जिसके बाद से उसे विकास दुबे के माता-पिता ने पाला और शादी विवाह कराया। वह उनके घर में रहकर खाना बनाने और पशुओं को चारा पानी करने का काम करता था।

विकास पर हुआ एक लाख रुपये का इनाम

कानपुर जोन के एडीजी जय नरायन सिंह ने बताया कि विकास दुबे पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा गया था जिसे अब बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है। वहीं आइजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि पुलिस वालों के सामूहिक हत्याकांड के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपित विकास दुबे के अलावा उसके दस साथियों को नामजद और 60-70 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या सहित विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने मुठभेड़ में अतुल दुबे और प्रेम कुमार पांडेय को मार गिराया था। दोनों अभियुक्त नाजमद थे। आईजी ने बताया कि अब तक ज्ञात अन्य बदमाशों की संख्या 21 हो गयी है, जिनमें दो मारे गये और एक मुठभेड़ में पकड़ा गया। 18 चिन्हित बदमाशों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है।

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