उत्तर प्रदेश बजट, विकास और योगी सरकार ?

जब आप अपनी सम्पूर्ण क्षमता, ईमानदारी और सामाजिकता के भाव से कोई भी कार्य करते है तो न केवल विपक्ष कोई प्रश्न खड़ा नही कर पता है, बल्कि जन – मानस आपके प्रयास और उद्देश्यों को आसानी से स्वीकार कर लेते है | इसके दुसरें पहलूँ की बात की जाये तो जिस तरह किसी खामी और लापरवाही का जिम्मेदार नेतृत्व को ठहराया जाता है, ठीक उसी तरह अच्छे कार्य के लिए तारीफ भी नेतृत्व की होनी चाहिये |

जी, हाँ, हम बात कर रहें है उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत किये गए बजट की जिसका सीधा क्रेडिट योगी आदित्यनाथ को दिया जाना चाहिये | जिनके नेतृत्व में विगत के अनुभवों और कार्यो से तेजी से सीखते हुए अपेक्षाओं से कई गुना अधिक प्रभावशाली बजट प्रस्तुत किया गया है | पेपर-लेस बजट होना भी अपने आप में खास रहा है | कुछ विपक्षी पार्टियाँ इस बजट को नकार रहीं है परन्तु उनके पास इसे नकारने का कोई ठोस कारण नहीं है | विगत की सरकारों में विकास सीमित स्थानों पर होता रहा है, जबकि योगी सरकार की खास बात यही रही है की उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिलों को केंद्र में रखकर न केवल विकास किया गया है बल्कि अपने इस कार्यकाल के अंतिम बजट में सभी आवश्यकताओं को स्थान दिया है |

वृक्षा रोपण के लिए 35 करोड़ रूपये का प्रावधान करना पर्यावरण के प्रति तटस्थता को प्रदर्शित कर रहा है, इसके अतिरिक्त राज्य प्रतिकारात्मक वनरोपण योजना हेतु 600 करोड़, सामाजिक वानिकी कार्यक्रम को प्रोत्साहन प्रदान किये जाने हेतु 400 करोड़ रुपये भी एक सराहनीय कार्य है | इससे सरकार की नियति आम जन के जीवन में प्रकृति के जरिये सवारने की सराहनीय पहल है |

5 लाख 50 हजार 270 करोड़ 78 लाख का बजट जो की अब तक का सबसे बड़ा बजट है सभी वर्गों \ आवश्यकताओं को महत्वपूर्ण स्थान मिला है | इस बजट में 27 हजार 598 करोड़ 40 लाख रुपये की नयी योजनाओं का शामिल होना भी सरकार की दूरदर्शिता को दर्शाता है | किसी भी प्रदेश के विकास के लिए यह जरुरी है की बजट के केंद्र में आम जनता रहे और उनके सर्वांगीण विकास के लिए स्थान दिया जाये फिर चाहे शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, रोजगार हो, आवास हो, सड़क हो, परिवहन हो, या फिर सुरक्षा सभी पहलू विद्यमान होने चाहिये | सभी मोर्चों पर योगी सरकार का यह बजट प्रश्नों के घेरे से बाहर रहा है | बजट की सभी घोषणाओं पर तुलनात्मक अध्ययन के पश्चात् यह कहना अतिश्योक्ति नही होगी की हाल ही में प्रस्तुत केंद्र सरकार के बजट से कही अधिक प्रभावशाली बजट उत्तर प्रदेश सरकार का है | योगी सरकार की कार्य प्रणाली अत्यंत प्रभावशाली रही है जहाँ जनता से सीधा संवाद करना इनकी सफलता की कुंजी रहा है | ऐसा पहली बार हो रहा है की उत्तर प्रदेश सरकार के बजट की चर्चा सभी स्तर पर है क्योंकि संगठित और उद्देश्य पूरक बजट सभी का ध्यान खीचने में सफल होते है |

महिलाओं का उत्थान, श्रमिक कल्याण, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, स्वच्छता, औद्योगिक विकास एवं अवस्थापना, लोक निर्माण, विशेष क्षेत्र कार्यक्रम, सिंचाई एवं जल संसाधन, नागरिक उड्डयन ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा, आवास नगर विकास नियोजन, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, कृषि, पशुपालन, मत्स्य, सहकारिता, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, खादी एवं ग्रामोद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, आई.टी. एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य, वन एवं पर्यावरण, समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, दिव्यांगजन कल्याण, न्याय, परिवहन, राजस्व, आबकारी शुल्क, स्टाम्प एवं पंजीकरण, वाहन कर, जैसे सभी महत्वपूर्ण विषयों में बजट के वितरण में सामंजस्य दिखाई पड़ रहा है |

इन महत्वपूर्ण क्षेत्रो को उचित अवसर बजट में देना न केवल आम जन के विश्वास को मजबूत करता है बल्कि इस बात पर जोर देता है की विकास की गति अब और अधिक तेजी से आगे बढ़ेगी | विधायको को विकास के लिए प्रावधान की गयी राशि स्वागत योग्य है | हालाँकि सरकारी कर्मचारियों को थोड़ी निरासा इस बजट से जरुर हुई है किन्तु बड़े अभियान और कोरोना काल में यह कोई बड़ी बात नहीं है |

उत्तर प्रदेश के पूर्वर्ती सरकारों के बजट की चर्चा नाम मात्र रही है जबकि उनकी जमीनी क्रियान्वयन की चर्चा सिर्फ सदन तक ही सीमित रही थी जिसका आम जनता की जानकारी या हिस्सेदारी से कोई लेना-देना नहीं रहा है | योगी सरकार के सत्ता में आने के पश्चात् से कई बातों / कार्यो में पारदर्शिता आयी है जिससे आम जन की हिस्सेदारी भी विभिन्न योजनाओं में बढ़ी है |

कुछ लोगों को ये बातें अटपटी या फिर तारीफ की लग सकती है पर मूल रूप से किसी क्रिया, विधि, कार्य मुल्यांकन के तह तक जाने के पश्चात आप यह जरुर महसूस करेगे की जिस सिद्दत से योगी सरकार आम जन के विकास के लिए कार्यरत है वह बिना किसी भेदभाव या दुसरे विचार के तारीफ के योग्य है | कुछ लोग इसे चुनावी बजट भी कह रहे है पर इतिहास इस बात का साक्षी है की सभी पार्टी की सरकारों ने अधिकांश कार्य चुनावी मुद्दों के अनुरूप ही किया है योगी सरकार मात्र एक ऐसी सरकार है जिसने अपने कार्यों को चुनावी मुद्दा बनाया है जिसका स्वागत आम जन में व्यापक है | इस बजट के साथ-साथ चुनावी बयार भी चलनी शुरू हो गयी है | कई राजनैतिक पार्टियों ने कमर कसनी शुरू भी कर दिया है | सरकार को चाहिये की प्रस्तुत किये गए बजट की घोषणाओं को जमीनी स्तर पर उतारने में कोई कसर न छोड़े जिससे आम जन का विशवास और मजबूत हो और एक बार फिर योगी सरकार के जरियें जन मानस के विकास का ख्वाब पुरें हो सकें |

डॉ. अजय कुमार मिश्रा

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