भारत के लेजेंड्री क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को लॉरेस बेस्ट स्पोर्टिंग मोमेंट अवॉर्ड मिला है. ये अवॉर्ड पिछले 20 सालों को देखते हुए मिला है. पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने सचिन को इस ट्रॉफी से नवाजा. इस अवॉर्ड की घोषणा महान लेजेंड टेनिस खिलाड़ी बोरिस बेकर ने की थी.
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A powerful, strong and moving tribute to a room full of sporting legends from @sachin_rt in honour of Nelson Mandela and the incredible power of sport to unite and inspire 👏#Laureus20 #SportUnitesUs pic.twitter.com/0z3mNatUFh
— Laureus (@LaureusSport) February 17, 2020
साल 2011 में वर्ल्ड कप जीतने वाले सचिन तेंदुलकर को उनके कंधे पर उठाकर पूरे स्टेडियम में घुमाया गया था. इसमें कप्तान विराट, युसुफ पठान, सुरैश रैना, हरभजन सिंह और दूसरे टीम के खिलाड़ी शामिल थे. भारत ने इस मैच में श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर दूसरी बार वर्ल्ड कप पर कब्जा किया था.
That bat swing – That look during the final flourish 😍😍
Today in 2011, the 28-year old wait came to an end 😎😎 #ThisDayThatYear pic.twitter.com/XFEibKDrdk
— BCCI (@BCCI) April 2, 2019
सचिन ने ट्रॉफी जीतने के बाद कहा कि, ” ये शानदार है. वर्ल्ड कप जीतना एक सपने जैसा था जिसे जाहिर नहीं किया जा सकता. कितने बार आपके साथ ऐसा होता है जब पूरा देश जश्न मनाता है. और इससे ये जाहिर होता है कि ये खेल कितना पॉवरफुल है और लोगों की जिंदगी में ये क्या चमत्कार करता है. आज भी जब मैं वो लम्हा देखता हूं तो मुझे सबकुछ अपने साथ लगता है.”
सचिन ने अवॉर्ड पाने के बाद कहा, ” मेरा सफर साल 1983 में शुरू हुआ था जब मैं 10 साल का था. भारत उस दौरान पहली बार वर्ल्ड कप विजेता बना था. मैं उस दौरान इस मोमेंट को महसूस नहीं कर पाया. सभी जश्न मना रहे थे और मैं भी उस जश्न में शामिल हो गया. लेकिन कहीं न कहीं मुझे पता था कि मेरे देश के लिए ये लम्हा कितना यादगार है. और इसी खातिर मैंने ये सोच लिया था कि मुझे भी एक दिन ऐसा जश्न मनाना है.”
सचिन ने आगे कहा कि, ” मेरी जिंदगी का वो सबसे बेहतरीन लम्हा था. ट्रॉफी को पकड़ना जिसके पीछे मैं पिछले 22 साल से भाग रहा था और फिर उस ट्रॉफी को उठाना. उसे आप कभी भुला नहीं सकते.”