थोक बाजार 11 बजे बन्द , कर्मचारियों के नही बने पास

* प्रशासन का ढिलमुल रवैया बनी वजह
* फुटकर दुकानों में माल नही , कैसे हो होम डिलीवरी

जी पी अवस्थी / सचिन त्रिपाठी
कानपुर
कानपुर। लॉकडाउन के दौरान स्थानीय प्रशासन के आदेश जमीनी स्तर पर अमल होते नही दिख रहे हैं । 24 घंटे होम डिलीवरी की व्यवस्था सुचारू रूप से चले, इसके लिए प्रशासन ने सुबह 11 से रात आठ बजे तक थोक दुकाने खोलने का ऐलान किया था लेकिन पहले दिन ही थोक दुकानों में 11 बजे ताले लटक गये । व्यापारियों का कहना है कि कर्मचारियों के न होने की वजह से वह ऐसा कदम उठा रहे हैं. थोक दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों के पास नहीं बने हैं ।

सोमवार को सुबह तक कलक्टरगंल गल्ला मंडी, तेल मार्केट, हालसी रोड, नयागंज, शक्करपट्टी आदि स्थानों पर थोक बाजारें खुलीं लेकिन जैसे ही घड़ी में 11 बजने को हुए, कर्मचारियों ने वापस जाना शुरू कर दिया. 11 बजते व्यापारियों ने भी दुकानों के शटर गिरा दिए और अपने घर वापस चले गए ।व्यापारियों का कहना है कि कर्मचारियों का डर रहता है कि बाद में गए तो उन्हें गंगापुल के पास ही रोक लिया जाएगा. इस वजह से बाजार में कोई रूकने को तैयार नहीं दिखा. इसको लेकर व्यापारियों के माथे पर बल पड़े रहे ।उन्होंने बताया कि पास मिलने के बाद वह लोग रात आठ बजे तक दुकानें खुलेंगे क्योंकि कर्मचारियों के आवागमन में कोई दिक्कत नहीं होगी ।

अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री और कानपुर गल्ला अढ़तिया संघ के प्रधानमंत्री ज्ञानेश मिश्र ने कहा कि नौबस्ता गल्ला मंडी को दिनभर खोलने के आदेश हैं लेकिन यहां भी 11 बजे तक व्यापारियों ने माल समेट लिया । उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को सबसे पहले पास मुहैया कराना होगा. क्योंकि वह लोग शुक्लागंज से आते हैं. पास उपलब्ध होते ही थोक कारोबार रात आठ बजे तक खोलने में कोई परेशानी नहीं है ।

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