विश्‍व बैंक ने भी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान घटाकर 5 फीसदी किया

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) से जारी आंकड़ों के बाद विश्‍व बैंक ने भी देर रात जारी रिपोर्ट में भारत के लिए चालू वित्त वर्ष 2019-2020 में विकास दर का अनुमान घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। हालांकि, विश्‍व बैंक ने अगले वित्त वर्ष 2020-2021 में भारत के जीडीपी मात्र 5.8 फीसदी रहने का ही अनुमान लगाया है। गौरतलब है कि मौजूदा वित्त वर्ष 31 मार्च, 2020 को खत्म होगा।

उल्‍लेखनीय है कि विश्‍व बैंक की जारी रिपोर्ट के मुताबिक भारत की विकास दर में यह बड़ी कटौती है। इसके पहले अक्टूबर, 2019 में विश्व बैंक ने कहा था कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत के जीडीपी की ग्रोथ रेट 6 फीसदी रह सकती है। विश्‍व बैंक के ग्लोबल इकोनॉमिक प्रोस्पेक्ट्स रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का कर्ज वितरण कमजोर बना हुआ है।

विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक भारत से तेज ग्रोथ रेट बांग्लादेश की होगी, जहां इस वित्त वर्ष में जीडीपी दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। खस्ताहाल पाकिस्तान की जीडीपी इस वित्त वर्ष में महज 3 फीसदी हो सकती है, जबकि श्रीलंका की 3.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। गौरतलब है कि इसके पहले भारत सरकार के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी पूर्वानुमान में भी कहा गया है कि इस वित्त वर्ष 2019-20 में देश की जीडीपी महज 5 फीसदी रहेगी।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “अर्थव्यवस्था पर बीजेपी सरकार को सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए था लेकिन अब अर्थव्यवस्था सुधारने का मामला ठंडे बस्ते में बंद है। जीडीपी वृद्धि के अनुमान बताते हैं हालात ठीक नहीं हैं। इसका सबसे ज्यादा असर व्यापार, गरीबों, दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों।”

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