योगी सरकार को कव्वाली पसंद नहीं! अधिकारियों ने बीच में रुकवा दिया कथक डांसर का पर्रफाॅर्मेंस

उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक ज़हर इस कदर फैल गया है कि उससे अब सरकारी अधिकारी भी अछूते नहीं हैं। पुलिस महकमे के बड़े अधिकारी कभी मुसलमानों को गालियां देकर पाकिस्तान भेजने की धमकी देते नज़र आ रहे हैं तो कभी प्रशासनिक अधिकारी कव्वाली बजाने पर प्रतिबंध लगाते दिख रहे हैं।

मामला सूबे की राजधानी लखनऊ का है। यहां सरकार की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में मशहूर कथक नृत्यांगना मंजरी चतुर्वेदी भी परफॉर्मेंस कर रहीं थी। लेकिन उनके परफॉर्मेंस को बीच में ही इसलिए रोक दिया गया क्योंकि वह कव्वाली पर परफॉर्म करने वाली थीं।

मंजरी चतुर्वेदी ने लखनऊ मीडिया पर मामले पर ध्यान ना देने का आरोप लगाया. फोटो: फेसबुक.

आरोप है कि जब वह कव्वाली पर परफॉर्म करने वाली थीं तभी सरकारी अधिकारी आए और तुरंत कार्यक्रम बंद करने को कहा गया। मंजरी चतुर्वेदी ने मीडिया को बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ही आमंत्रित किया गया था। उन्हें परफॉर्मेंस के लिए 45 मिनट का वक्त दिया गया था, लेकिन बीच में ही म्यूजिक बंद कर दिया गया।

मंजरी चतुर्वेदी ने अपना दर्द फेसबुक पर साझा किया

मंजरी का कहना है कि म्यूजिक बंद होने पर उन्हें लगा कि कोई टेक्निकल दिक्कत हो गई है, लेकिन इसके बाद ही अगले परफॉर्मेंस का अनाउंसमेंट कर दिया गया। उन्होंने जब इसके बारे में पूछा तो कहा गया कि यहां कव्वाली नहीं चलेगी। मंजरी ने कहा कि मेरी परफॉर्मेंस इसलिए रोकी गई क्योंकि मैं कव्वाली पर परफॉर्म करने वाली थी।

हालांकि, जब इस विवाद पर राज्य सरकार से सवाल पूछा गया तो उनकी ओर से बिल्कुल अलग कहानी बताई गई। यूपी सरकार के एक अधिकारियों ने बताया कि मंजरी चतुर्वेदी के दो परफॉर्मेंस हो चुके थे और तीसरा होने ही वाला था। लेकिन कार्यक्रम काफी लेट चल रहा था, समय की कमी के चलते ही उनके तीसरे परफॉर्मेंस को रोका गया।

अखिलेश और मायावती के समय में नहीं लगी रोक

इस कार्यक्रम के बाद मंजरी अधिकारियों के इस रवैये से बेहद आहत हुईं और सोशल मीडिया पर भी उनका दर्द झलक उठा। मंजरी ने कहा कि वह 25 साल से कथक की प्रस्तुती देती आई हैं लेकिन कभी बीच में नहीं रोका गया। उन्होंने अखिलेश, मायावती, मुलायम और राजनाथ सरकार के वक्त भी कई सरकारी कार्यकर्मों में कव्वाली पर परफार्म किया लेकिन किसी ने आपत्ति नहीं जताई।योगी समेत यूपी के कई मंत्री आने वाले थे.

यूपी सरकार ने कहा- कार्यक्रम लेट चल रहा था

इस मामले में यूपी सरकार के अधिकारियों ने कहा कि मंजरी चतुर्वेदी के दो परफॉर्मेंस हो गए थे और तीसरा होने ही वाला था. लेकिन कार्यक्रम काफी लेट चल रहा था और अगला कार्यक्रम ब्रज डांस का था. आयोजकों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने से पहले हम सभी को मौका देना चाहते थे. क्योंकि मुख्यमंत्री के आने के बाद सीधे डिनर का कार्यक्रम था. आयोजकों ने ये भी कहा कि मंजरी चतुर्वेदी के परफॉर्मेंस को हर किसी ने सराहा है. उनके कार्यक्रम को बीच में इसलिए रोका गया था कि समय की कमी थी. इसमें किसी तरह का धार्मिक मुद्दा नहीं है.

अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला

वहीँ कव्वाली पर रोक लगाए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला करते हुए लिखा- एक सरकारी आयोजन में विश्व प्रसिद्ध नृत्यांगना मंजरी चतुर्वेदी के पूर्व नियोजित कव्वाली-आधारित नृत्य को बीच में ही ये कहते हुए रोक देना कि ‘कव्वाली नहीं चलेगी यहाँ’ उप्र की समृद्ध गंगा-जमनी संस्कृति को संकीर्ण सोच से मारना है. भाजपा देश के कलाकारों से माफ़ी माँगे. घोर निंदनीय.

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