
देशभर में कोरोना ने बुरी तरह से तबाही मचाई हुई है। जिधर देखो उधर चीख पुकार सुनाई दे रही है। अब कोई ऐसी जगह नहीं बची है जहां कोरोना ने दस्तक ना दी हो। तो वहीं छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर अब जंगलों के बीच रह रहे नक्सलियों पर भी बरपने लगा है. संक्रमण के चलते लगातार नक्सलियों की मौतें हो रही हैं.
सुरक्षाबलों से बचे नक्सली देशभर में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस के चंगुल से नहीं बच सके हैं. जी हां पिछले कुछ दिनों में कोरोना के चपेट में आने से करीब 10 नक्सलियों की मौत हो चुकी है. जिनमें से 8 के शव जलाए जाने की जानकारी भी सुरक्षा एजेंसियों को मिली है. कोरोना के इस कहर से नक्सलियों के बीच दहशत फैल गई है।
जानकारी के मुताबिक, करीब 400 नक्सलियों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल गया है. दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने इसके बारे में पुष्टि की है. नक्सलियों ने 20 दिन पहले सुकमा और बीजापुर के जंगल के इलाके में बड़ी मीटिंग की थी. इस मीटिंग में 500 से ज्यादा माओवादी शामिल हुए थे. कहा जा रहा है कि इन माओवादियों में से ही संक्रमण फैला है. बता दें कि 2 लाख से ज्यादा आदिवासी इन इलाकों में रहते हैं. वहीं, जंगलों में माओवादियों के चलते उनमे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है. कहा जा रहा है कि अभी भी गांवोंं में माओवादियों की छोटी- छोटी मीटिंग चल रही है.
बस्तर के महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा, ‘नक्सलियों का इलाज कराने के लिए सरकार डॉक्टर नहीं भेज सकती. पुलिस घायल नक्सलियों का भी इलाज कराती है. नक्सली बंदूक लेकर सरकार से लड़ रहे हैं. अगर वे सरेंडर करेंगे तो इलाज किया जाएगा. स्वास्थ्य अमले को उनके बीच भेजने का सवाल ही नहीं है.
पता चला है कि जिन नक्सलियों की मौत हुई है, उनमें बड़े कैडर के भी नक्सली शामिल हैं। हालांकि अभी उनके नाम सामने नहीं आ सके हैं। इससे पहले कोंटा और दोरनापाल इलाके में नक्सलियों ने कोरोना वैक्सीन और दवाइयां लूटी हैं। इसकी भी जानकारी पुलिस को मिली है.