
विवाह दो लोगों का औपचारिक या कानूनी मिलान है, आम तौर पर जब दो लोग शादी करते हैं, तो वे इस अवसर को एक विवाह समारोह के साथ मनाते हैं, हालांकि एक वैवाहिक रिश्ते को लम्बे समय तक चलने और सफ़ल बनाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है तभी ये रिश्ता अच्छे से उमर भर चल पता हैं.
इंदौर के पासजावरा में पठानटोली की तंग गली में कवेलू-चद्दर ढंके दो कमरे वाले घर में पली-बढ़ी शाहिस्ता की किस्मत ऐसी चमकी कि वो हेलीकॉप्टर में बैठकर ससुराल विदा हुई, बेटी को विदाई देते वक्त फल बेचने वाले पिता और सिलाई कर परिवार पालने वाली मां की आंखों से आंसू छलक गए, वे रुंधे गले से बोले ‘हमारी बेटी सच में खुशनसीब है.
मैट्रिक पास शाहिस्ता का कहना है मैंने तो सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझसे निकाह करने कोई हेलीकॉप्टर से आएगा, खुदा ने मुझे बिना मांगे ही सारे जहां की खुशी दे दीं, पठानटोली की रहने वाले वाहिद खान की बेटी शाहिस्ता की सगाई तीन साल पहले राजस्थान कोटा जिले के सुकेत के रहनेवाली खनिज कारोबारी आरिफ खान के बेटे हाजी आसिफ खान से हुई थी, आसिफ हेलीकॉप्टर में निकाह करने शहर आए और निकाह के बाद दुल्हन शाहिस्ता के साथ सुकेत के लिए उड़ान भरी.
शाहिस्ता की मां आसिफ बी मुताबिक, तीन साल पहले वो मुगलपुरा में बहन से मिलने उसके घर गई थी, वहां पड़ोस में रहने वाली रेहाना बी (अब नानी सास) ने शाहिस्ता को देखकर कहा इतनी सुशील, सुंदर लड़की मुझे पहले नजर क्यों नहीं आई, उनकी मां फैमिदा बी मुगलपुरा में मेरी बेटी को देखने आए, उन्होंने भी पहली नजर में शाहिस्ता को पसंद कर लिया। तब रेहाना बी ने बताया कि तेरी बेटी बहुत खुशनसीब है। ये लोग अब तक 50 से ज्यादा लड़कियां देख चुके हैं.
छोटे भाई आदिल की भी जावरा में हुई शादी, दोनों एक ही हेलीकॉप्टर से हुए रवाना, दोनों भाई एक ही हेलीकॉप्टर में आए और अपनी दुल्हनों के साथ सुकेत रवाना हुए। ससुराल के लिए उड़ान भरने से पहले हेलीपेड पर माता-पिता और रिश्तेदारों ने उन्हें विदा किया.