गोरखपुर। सरकार ने मनरेगा योजना इसलिए चलाई थी कि ग्रामीणों को अपने गांव में रोजगार मिले और पलायन रुके लेकिन यह योजना अधिकारियों की मिली भगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। यह योजना मजदूरों को कम तथा प्रधान और अधिकारियों को सोने का अंडा देने वाली मुर्गी साबित हो रही है। जनपद के दक्षिणांचल में करीब 60 किमी पर स्थित गोला ब्लाक की ग्राम पंचायत रजौली में इन दिनों मनरेगा के भुगतान में धांधली का खेल चल रहा है। ग्रामीणों का आरोप है, प्रधान व पंचायत कर्मचारी की मिलीभगत से दूसरे विकास खण्ड की दूसरी ग्राम पंचायत में कार्य करा भुगतान हो रहा है। शिकायतों के बाद भी संबंधित अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। बताते चलें कि गोला विकास खण्ड की ग्राम पंचायत रजौली और बड़हलगंज विकास खण्ड की ग्राम पंचायत पोहिला की सीमा एक-दूसरे से सटी है।ग्राम पंचायत रजौली के प्रधान ने मनरेगा योजनांतर्गत सरयू के दियारा में एक चकमार्ग अप्रैल-मई माह में बनाना प्रारम्भ किया जिसपर पोहिला के लोगों ने आपत्ति किया कि यह हमारे सीवान में है। मामला उपजिलाधिकारी गोला के पास पहुंचा जिसपर उन्होंने राजस्व निरीक्षक को दोनों गांवों के लेखपालों की टीम बना पैमाइश का आदेश पारित किया। दोनों गांवों के प्रधानों व ग्रामीणों की सहमति से राजस्व निरीक्षक की देख-रेख में पुलिस बल की उपस्थिति में पैमाइश हुई। रजौली-पोहिला सीवान के पत्थर से पैमाइश शुरू होते ही चक मार्ग पोहिला की ओर भागना शुरू किया और दक्षिणी भाग तक पहुंचते एक जरीब अस्सी कड़ी पोहिला के सीवान में चक मार्ग चला गया। लेखपालों की टीम ने एसडीएम गोला को रिपोर्ट सौंप दी जिसमे उन्होंने चकमार्ग को पोहिला, विकास खण्ड बड़हलगंज में होना दर्शाया।एसडीएम गोला ने चकमार्ग को हटाने व सरकारी धन के दुरुपयोग को रोकने हेतु खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया परन्तु एसडीएम द्वारा 20 जून 2020 को जारी इस आदेश का अनुपालन तो नहीं हुआ। हां, उसपर लाखों का भुगतान कर दिया गया। पोहिला के प्रधान विजय प्रताप यादव, वरिष्ठ नागरिक डॉ सुभाष तिवारी ने कहा कि रजौली के प्रधान विनोद कुमार द्वारा जबरन हमारी ग्राम पंचायत की जमीन पर चक मार्ग निर्मित कराया गया। बीडीओ गोला को उपजिलाधिकारी के आदेश की जानकारी देने के बावजूद चकमार्ग को हटवाया नहीं गया बल्कि उसपर भुगतान कर दिया गया जो सरासर गलत है। यह जानबूझकर सरकारी धन का अपव्यय है। अपनी जमीन प्राप्त करने व चकमार्ग को हटाने हेतु अब हम लोग माननीय जिलाधिकारी गोरखपुर व सीएम पोर्टल पर निवेदन करेंगे। इस संबंध में जब खण्ड विकास अधिकारी गोला ने कहा कि ऐसा कोई प्रकरण मेरे संज्ञान में नहीं है और न ही उपजिलाधिकारी गोला का आदेश ही मुझे प्राप्त हुआ है।आदेश की प्रति मिलने पर मेरे द्वारा आवश्यक कार्रवाई अवश्य की जाएगी।
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