
रूपईडीहा/बहराइच। बाबागंज स्थित गौ आश्रय स्थल दुव्र्यवस्थाओं का शिकार है। यहां मौजूद गोवंश को समय से चारा व पानी उपलब्ध नही है। जिससे भूखे प्यारे जानवर अपने आप मर रहे है। यही नही मरे हुए गोवंश को उठाने की जहमत तक इसके जिम्मेदार नही उठा रहे है। रविवार की सुबह पांच बजे बाबागंज के कुछ लोगों ने देखा कि बाबागंज स्थित गौशाला मे मरी हुई गाय को कुछ कुत्ते नोच रहे थे। इस दारूण दृश्य को देखकर इन लोगों की रूह कांप उठी। इन लोगों ने इसकी शिकायत ग्राम प्रधान सोरहिया बलदेव प्रसाद से की। प्रधान बलदेव प्रसाद ने बताया कि गौ आश्रय स्थल मे 80 गोवंश संरक्षित है।
इनकी देखभाल के लिए मद भी आता है। इनकी देखभाल की जाती है। इस संबंध मे जब पशु चिकित्साधिकारी अधिकारी डा. प्रदीप कुमार वर्मा से बात की गयी तो उन्होने बताया कि लगभग 95 गोवंश बाबागंज गौशाला मे है। डा. ने बताया कि एक गाय कुछ दिनों से बीमार चल रही थी। बीते बुधवार को जिला पशु चिकित्साधिकारी डा. बलवंत सिंह के साथ इस गाय को देखा भी था और दवा भी की थी। बीमार होने के कारण यह मर गयी। इसके शव की अन्त्येष्टि की जिम्मेदारी संरक्षक ग्राम प्रधान की है।