
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में दुनिया में हर कोई परेशान रहता है वहीं ये भी बता दें की आज के समय में समाज में ऊंचा मुकाम पाने के लिए लोग दिन दुनी रात चौगुनी मेहनत करते हैं वहीं ये बात भी सच है की यही कारण है की आज के समय में लोग डिप्रेशन में रहने लगे हैं जिसकी वजह से लोग हंसना तक भूल गए हैं और वहीं ये भी बता दें की एक स्वस्थ जिंदगी के लिए हंसना बेहद ही ज्यादा जरूरी है।
ये हम नहीं बल्कि विशेषज्ञों का भी यही मानना है। कहा तो ये भी जाता है की हंसी गम में भी हमें वह ऊर्जा प्रदान करती है, जो हादसों से भरी जिंदगी को सामान्य बना देती है। जीवन का आनंद उठाना भी एक कला है। कुछ लोग अपनी सारी जिंदगी सिर्फ तनाव औऱ दुखी होकर गुजार देते हैं। अगर जिंदगी गुजारनी है तो खुशी खुशी गुजारनी चाहिए।
- प्राइमरी स्कूल में मास्टर जी गहरी नींद मे सो रहे थे तभी कलेक्टर साहब आ गये। मास्टर जी पकडे गये।
बहुत देर उठाने के बाद मास्टर की नींद खुली।
नीन्द खुलते ही मास्टर कलेक्टर को देखते ही बोले –तो बच्चों, समझ गए ना,
कुंभकर्ण ऐसे सोता था। कलेक्टर साहब सन्न - संता पेप्सी लेकर सामने रख के उदास बैठा था। बंता वहां आया और आते ही संता की पेप्सी पी गया और पूछा, “यार तू उदास क्यों है?” संता बोला, यार आज का दिन ही बुरा है।
सुबह-सुबह बीवी से झगड़ा हो गया। रास्ते में कार खराब हो गई।
ऑफिस लेट पहुंचा तो बॉस ने नौकरी से निकाल दिया और अब जब जिंदगी से तंग आकर मैंने आत्महत्या करने के लिए पेप्सी में जहर मिलाया तो वह भी तू पी गया
अब बता मैं उदास ना होऊं तो क्या करूँ? - दो लड़कियां आपस में बातें कर रहीं थी। पहली लड़की: आज के बाद किसी भी लड़के पर विश्वास नहीं करुँगी। सब साले झूठे, धोखेबाज़ और कमीने होते हैं। दूसरी लड़की: क्यों क्या हुआ? तेरे बॉयफ्रेंड ने तुझे कुछ कहा क्या? पहली लड़की:नाम मत लो उस झूठे, धोखेबाज़ का, मैं तो आज के बाद उसका मुंह भी नहीं देखूंगी दूसरी लड़की ने हैरानी से पूछा: क्यों, ऐसा क्या हो गया? क्या तुमने उसे किसी और लड़की के साथ पकड़ लिया है? पहली लड़की: अरे नहीं, उसने मुझे मेरे दूसरे बॉयफ्रेंड के साथ देख लिया। जबकि उसने मुझे कल कहा था कि वो कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर जा रहा है।
- मुर्गियों के फार्म में एक बार निरीक्षण के लिए इंस्पेक्टर आया। इंस्पेक्टर: तुम मुर्गियों को क्या खिलाते हो? पहला मालिक: बाजरा। इंस्पेक्टर: खराब खाना, इसे गिरफ्तार कर लो।दूसरा: चावल। इंस्पेक्टर: गलत खाना, इसे भी गिरफ्तार कर लो। अब संता की बारी आई। संता डरते-डरते बोला, हम तो जी मुर्गियों को 5-5 रुपए दे देते हैं कि जो तुम्हारी मर्जी है जाकर खा लो।
- टीचर – “ख़ुशी का ठिकाना ना रहा”,इस मुहावरे का क्या मतलब है ? पप्पू – ख़ुशी घर वालों से छिपकर रोजाना अपने बॉयफ्रेंड से मिलने जाती थी एक दिन उसके पापा ने बॉयफ्रेंड के साथ देख लिया और ख़ुशी को घर से निकाल दिया अब बेचारी “ख़ुशी का ठिकाना ना रहा”, टीचर बेहोश