प्रयागराज (हि.स.)। वाराणसी, ज्ञानवापी स्थित कथित वुजूखाना के वैज्ञानिक सर्वे को लेकर दाखिल पुनरीक्षण याचिका की इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी।
कोर्ट ने याची अधिवक्ता को एक वादी श्रीमती लक्ष्मी देवी की साइंटिफिक सर्वे की मांग में दाखिल अर्जी की प्रति दाखिल करने के लिए पूरक हलफनामा दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। जिसका निस्तारण 2023 में हुआ था। प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में लम्बित है। यह याचिका एक पक्षकार श्रीमती राखी सिंह की तरफ से दाखिल की गई है।
याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ कर रही है। बहस की गई कि ज्ञानवापी परिसर के धार्मिक चरित्र के निर्धारण हेतु शिवलिंग के आसपास के क्षेत्र का भी वैज्ञानिक सर्वे आवश्यक है। हिन्दू पक्ष की तरफ से 3 अगस्त, 2023 के हाईकोर्ट के ज्ञानवापी परिसर के सर्वे और 4 अगस्त, 2023 के सर्वोच्च न्यायालय के वैज्ञानिक सर्वे के आदेश को दिखाया गया।
कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के पिछले वर्ष 8 अगस्त, 2023 के आदेश में एएसआई के एडिशनल डायरेक्टर जनरल के शपथपत्र का उल्लेख किया गया है। जिसमें एएसआई द्वारा बगैर तोड़फोड़ व नुकसान पहुंचाए बगैर वैज्ञानिक सर्वे कि बात की गयी है। एएसआई द्वारा 24 जुलाई 2023 से लेकर 2 नवम्बर, 2023 तक जो वैज्ञानिक सर्वे किया गया है उसमें शिवलिंग के आसपास का क्षेत्र (वुजूखाना) शामिल नहीं है।
कहा गया कि गत वर्ष 12 मई, 2023 को हाईकोर्ट द्वारा एडवोकेट कमीशन सर्वे में मिले शिवलिंग के वैज्ञानिक सर्वे का आदेश दिया गया था। कोर्ट ने विपक्षी के वरिष्ठ अधिवक्ता एस एफ ए नकवी से पूछा कि सुप्रीम कोर्ट में उस मामले में क्या हुआ। बताया कि मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
हाईकोर्ट द्वारा कहा गया कि सह वादिनी लक्ष्मी देवी व अन्य द्वारा शिवलिंग के एएसआई सर्वे की मांग वाली याचिका-प्रार्थना पत्र जो निचली अदालत में दायर की गयी थी, उसको दिखाइए। जिस पर हिन्दू पक्षकार राखी सिंह के अधिवक्ता ने समय मांगा और कहा कि जल्द हीं शपथपत्र द्वारा रिकॉर्ड पर ले आएंगे।
हाईकोर्ट ने कहा कि जिस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग के वैज्ञानिक सर्वे के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाया हो उसी से जुड़े मामले में हाईकोर्ट कैसे आदेश दे सकती है। कहा कि राखी सिंह का वर्तमान पुनरीक्षण याचिका शिवलिंग छोड़कर बाकी क्षेत्र के एएसआई वैज्ञानिक सर्वे को लेकर है। लक्ष्मी देवी के प्रार्थना पत्र से अलग है।
हाईकोर्ट ने हिन्दू पक्ष को जिला जज अदालत में शिवलिंग के वैज्ञानिक सर्वे से जुड़े प्रार्थना पत्र को रिकॉर्ड पर शपथपत्र द्वारा लाने हेतु एक सप्ताह का समय देते हुए सुनवाई कि तिथि 1 अक्टूबर दोपहर 2 बजे निर्धारित की। इस याचिका में ज्ञानवापी में कथित वुजूखाना का सर्वे कराने की मांग वाली अर्जी वाराणसी जिला जज द्वारा खारिज किए जाने को चुनौती दी गई है।