दिल्ली कोचिंग हादसा: सभी 5 आरोपितों को 12 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया

नई दिल्ली। ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में राव आईएएस स्टडी सर्कल में जलसैलाब से हुई तीन छात्रों की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को चार सह मालिकों और एक थार चालक को गिरफ्तार कर तीस हजारी कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने पांचों आरोपितों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में 12 अगस्त तक भेज दिया है। पेशी के दौरान आरोपितोंं ने कहा कि उन्होंने जमानत याचिका भी दायर की है। तब कोर्ट ने कहा कि अभी रिकॉर्ड पर कोई जमानत याचिका नहीं आयी है। अगर रिकॉर्ड पर आती है तो कल यानि 30 जुलाई को जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।

दिल्ली पुलिस के अनुसार थार चालक पर आरोप है कि वो गाड़ी तेज चला रहा था जिससे कोचिंग के बेसमेंट का गेट टूट गया था। सुनवाई के दौरान थार चालक की ओर से पेश वकील ने कहा कि उसने जानबूझकर गेट नहीं तोड़ा। घटना के समय थार की स्पीड 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की थी। उसने कहा कि इस मामले में ट्रैफिक इंस्पेक्टर, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। रोड पर भी कोई रोक नहीं थी। पानी ढाई फीट ऊपर से आ रहा था।

कोचिंग के चार सह मालिकों की ओर से पेश वकील ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 102 के तहत सूचना और मंशा दो मुख्य हिस्से हैं। दूसरी धारा 106 में लापरवाही से मौत का है। धारा 102 और 106 विरोधाभासी हैं। ऐसे में दोनों धाराएं कोचिंग के मालिकों पर नहीं लगाई जा सकती हैं। इस मामले में अब तक सात आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में 28 जुलाई की देर रात में कोचिंग के मालिक अभिषेक गुप्ता और कोआर्डिनेटर देशपाल सिंह को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था। पुलिस ने इनके अलावा बिल्डिंग मैनेजमेंट, सिस्टम की देखरेख करने वाले निगमकर्मियों और दूसरे आरोपितों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। दिल्ली पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 106(1), 115(2), 3(5) के तहत केस दर्ज किया है।

राव आईएएस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में लाइब्रेरी स्थित है। इस लाइब्रेरी में यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र पढ़ाई कर रहे थे। इस बेसमेंट में अचानक आए पानी में पढ़ाई कर रहे तीन छात्र फंस गए और इनकी मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई है। एक वकील ने भी हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन को पत्र लिखा है।

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