नई गाइडलाइन्स जारी : मेडिकल उपकरण और अलग कमरा हुआ तभी होंगे होम आइसोलेट


लखनऊ : 
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच लोग अस्पतालों में भर्ती होने के साथ होम आइसोलेट होकर खुद को संक्रमण से बचाने के प्रयासों में जुट गए हैं। ऐसे में घर पर होम आइसोलेट हुए कई संक्रमितों को सही समय पर मेडिकल उपकरण या जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पाती थीं। इन सभी समस्याओं को देखते हुए लखनऊ की प्रभारी अधिकारी ने सुविधाएं होने पर ही संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेशन में रखने का फैसला लिया है।

मेडिकल उपकरण और अलग कमरा हुआ तभी होंगे होम आइसोलेट
लखनऊ की प्रभारी अधिकारी रोशन जैकब ने स्मार्ट सिटी सभागार में बैठक के दौरान निर्देश देते हुए कहा कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों के पास थर्मामीटर, पल्स ऑक्सिमीटर जैसे मेडिकल उपकरण होना बहुत आवश्यक है। इसके साथ ही घर में होम आइसोलेशन के लिए एक अलग कमरा और शौचालय भी होना जरूरी है। कोविड संक्रमित मरीज के घर पर ऐसी सुविधाएं न होने पर उसे होम आइसोलेट की जगह संस्थागत आइसोलेशन का विकल्प दिया जाएगा।

इस विकल्प को चुनने के बाद संक्रमित मरीज को एल-1 श्रेणी के अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि सरकारी पोर्टल पर मरीजों को होम आइसोलेशन आवंटन करने का काम अब कमांड सेंटर की जगह सीएचसी से किया जाएगा।

गांव में दाखिल होने से पहले होंगे क्वारंटीन
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब गांवों में बाहर से आने वाले श्रमिकों या अन्य लोगों को सीधे दाखिल नहीं होने दिया जाएगा। उससे पहले 7 दिन क्वारंटीन सेंटर में होने के बाद 7 दिन खुद को घर पर रखना होगा। इसके लिए बीबीडी विश्वविद्यालय, राधास्वामी सत्संग न्यास, सरदार पटेल इंस्टिट्यूट, शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय को क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है।

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