
नई दिल्ली (ईएमएस)। अयोध्या में राम मंदिर परिसर के निर्माण की निगरानी कर रहे मंदिर ट्रस्ट को नवंबर से एनआरआई अकाउंट्स के माध्यम से विदेशी धन हासिल करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। एनआरआई जो मंदिर में अपना योगदान देना चाहते हैं, उन्हें इसके औपचारिक उद्घाटन से पहले ऐसा करने का अवसर मिलेगा।
ट्रस्ट देश के विभिन्न हिस्सों में बसे तीर्थयात्रियों और लोगों के योगदान के माध्यम से एक महीने में 1 करोड़ रुपये से अधिक की राशि एकत्र कर रहा है। हालांकि, ट्रस्ट देश के बाहर से दान स्वीकार करने में असमर्थ है, क्योंकि ट्रैस्ट को अभी तक विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) पंजीकरण प्राप्त नहीं हुआ है। अयोध्या में ट्रस्ट के कैंप कार्यालय के प्रभारी प्रकाश कुमार गुप्ता ने कहा, सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और आवश्यक दस्तावेज तैयार कर लिए गए हैं। हमें उम्मीद है कि नवंबर में गृह मंत्रालय से मंजूरी मिल जाएगी और हम अन्य देशों से दान स्वीकार करना शुरू कर देने वाले हैं। गुप्ता ने कहा कि विदेशों में बसे भारतीय रोजाना इसके बारे में पूछते हैं कि वहां कब चंदा दे सकते हैं।
उन्होंने कहा, लेकिन हम उन्हें कुछ समय इंतजार करने के लिए कहते हैं। मंजूरी मिलने के बाद हम वेबसाइट पर विवरण अपडेट करने वाले हैं।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने मई में एफसीआरए पंजीकरण के लिए आवेदन किया था। सूत्रों ने कहा कि आम तौर पर पंजीकरण आवेदनों को संसाधित करने में छह महीने लगते हैं और इसलिए ट्रस्ट 30 नवंबर तक मंजूरी मिलने की उम्मीद कर रहा है। ट्रस्ट का एनआरआई या एफसीआरए अकाउंट दिल्ली के संसद मार्ग में एसबीआई की मुख्य शाखा में खोला जाएगा। उत्तर प्रदेश में 694 एफसीआरए पंजीकृत संगठन हैं जिनमें से आठ वर्तमान में अयोध्या-फैजाबाद में सक्रिय हैं और विदेशी फंड प्राप्त करते हैं।