
गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कृषि कानूनों को लेकर किसान मुखर हो उठे हैं। मुजफ्फरनगर के बाद रविवार को बागपत जिले के बड़ौत तहसील परिवार में सर्वखाप महापंचायत हुई। इस मौके पर खाप प्रमुखों ने कहा कि सरकार को ये कानून वापस लेने होंगे। कहा गया कि जब तक कानून वापस नहीं होते हैं, आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान किसानों पर दर्ज केस की वापसी व किसानों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।
महापंचायत शुरू होने से पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत ने सोशल मीडिया पर अपना बयान जारी किया। उन्होंने कहा है कि बागपत में आज किसानों का हुजूम उतरेगा और इसकी गूंज दिल्ली में बैठी गूंगी बहरी सरकार को जरूर सुनाई देगी।
अफसरों ने जताया खेद, बोले- नहीं दर्ज होंगे मामले
पंचायत में एडीएम बागपत अमित कुमार व एएसपी मनीष मिश्रा ने बीते दिनों जबरन किसानों का धरना खत्म कराने पर खेद जताया। कहा कि हम भी किसान के बेटे हैं। आप हमारे दादा और पिता तुल्य हैं। किसानों पर मुकदमें दर्ज नहीं किए जाएंगे। किसानों का जब्त सामान भी वापस किया जाएगा। देशखाप मुखिया सुरेंद्र सिंह ने किसानों से कहा कि माहौल को समझिए और गाजीपुर बॉर्डर कूच करिए। गाजीपुर और सिंधु बॉर्डर पर धरना दे रहे अपनों की मदद करिए। इस दौरान भाजपा नेताओं के बहिष्कार का भी निर्णय लिया गया।
देशखाप के चौधरी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि तीनों कानून किसानों के हित में नहीं है। इसलिए इसका पूरी ताकत से विरोध होगा। यह लड़ाई किसानों के सम्मान की है। महापंचायत को पंवार, चौबासी व राठी खाप ने भी समर्थन दिया है।
27 जनवरी की रात जबरन किसानों को उठाया था
कृषि कानूनों के खिलाफ बड़ौत में दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर किसानों का धरना जारी था। 27 जनवरी की रात पुलिस-प्रशासन ने लाठीचार्ज कर जबरन धरना समाप्त करा दिया था। इसी के विरोध में रविवार को बड़ौत तहसील परिसर में सर्वखाप की महापंचायत बुलाई गई थी। चौहान, दांगड़, चौबीसी, चौगामा, राठी, मलिक, गठवाला, बालियान आदि खाप चौधरियों को बुलाया गया था। पंचायत को लेकर प्रशासन भी अलर्ट नजर आया।