बड़ी चेतावनी : ठंड में चार गुना ताकत के साथ होगी कोरोना महामारी की वापसी!

कोविड-19 को लेकर बनी एक्‍सपर्ट कमिटी ने चेतावनी दी है कि ठंड में कोरोना के रोज 15 हजार मामले देखने को मिल सकते हैं। पैनल के मुताबिक, ठंड के महीनों में सांस की परेशानियां बढ़ जाती हैं। डॉ वीके पॉल की अगुवाई वाले पैनल ने कहा कि दिल्‍ली को सर्दियों में रोज 15 हजार मामले आने के लिए तैयार कर लेनी चाहिए। उसके मुताबिक, दिल्‍ली से बाहर के मरीजों की संख्‍या भी बढ़ सकती है। कोविड पैनल ने दिल्‍ली सरकार को सुझाव दिया है कि वह रोज 15 हजार मामलों में से 20% को भर्ती करने की तैयारी करे। पैनल ने यह भी कहा कि अगले तीन महीने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में बेहद अहम होंगे। दिल्‍ली में कोरोना से मृत्‍यु-दर भी ज्‍यादा है, पैनल ने उसे भी कम करने पर ध्‍यान देने को कहा है।

जो केरल और महाराष्‍ट्र में हुआ, वो दिल्‍ली में न हो: पैनल

डॉ पॉल की अगुवाई वाले पैनल ने इसी मंगलवार को दिल्‍ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। त्‍योहारों के सीजन में पैनल ने बड़े समारोह करने से मना किया है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह देखा गया है कि केरल में ओणम और महाराष्‍ट्र में गणेश चतुर्थी के चलते महामारी गंभीर रूप से बढ़ी। दिल्‍ली में ऐसा नहीं होने देना चाहिए। मामले कम करने में हमने जो कुछ हासिल किया है, वह सब इन त्‍योहारों और बाजारों-मोहल्‍लों में भीड़ से चला जाएगा।” पैनल ने सुझाव दिया है कि त्‍योहार बेहद माइक्रो लेवल पर मनाए जाएं, परिवार के लोग ही शामिल हों।

अगले तीन महीने के लिए पैनल ने दिए सुझाव

पैनल के मुताबिक, अगले तीन महीने बेहद महत्‍वपूर्ण हैं। सुझाव दिया गया है कि माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने पर फोकस किया जाए। लक्षण वाले व्‍यक्तियों का आरटी-पीसीआर टेस्‍ट हो और लिमिटेड कॉन्‍टैक्‍ट ट्रेसिंग हो। टेस्टिंग को सर्विलांस के सहारे चलाने, क्रिटिकल केयर फैसिलिटीज बढ़ाने, फेस्टिव सीजन को देखते हुए जागरूकता अभियान चलाने और हेल्‍थकेयर वर्कर्स के बीच मौतों को रोकने का सुझाव पैनल ने लिया है।

पॉजिटिविटी रेट कम करने के लिए न बढ़ाएं टेस्‍ट

पैनल ने दिल्‍ली में कॉन्‍टैक्‍ट ट्रेसिंग बेहद सीमित होने की बात कही है। इसके बाद सारे कंटेनमेंट जोन के सभी हाई रिस्‍क कॉन्‍टैक्‍ट्स का टेस्‍ट करने का सुझाव दिया है, चाहे उनमें लक्षण कैसे भी हों। पैनल के अनुसार, टेस्टिंग टारगेट पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि सर्विलांस के लिए होनी चाहिए। उसने कहा कि पॉजिटिविटी रेट घटाने के लिए टेस्‍ट्स की संख्‍या बढ़ाना ठीक नहीं होगा।

दिल्‍ली में मृत्‍यु-दर कैसे कम होगी?

दिल्‍ली में कोरोना से मृत्‍यु-दर 1.9% है जो कि नैशनल एवरेज (1.5%) से कहीं ज्‍यादा हैं। पैनल ने सुझाव दिया है कि सरकार का फोकस मृत्‍यु-दर घटाने पर होना चाहिए। दिल्‍ली में बुधवार तक 5,616 मरीजों की मौत हो चुकी थी। पैनल ने कहा कि मृत्‍यु-दर को लक्षणों की जल्‍द पहचान कर, वक्‍त से टेस्टिंग कर और युवाओं में कोविड से जुड़े व्‍यवहार को लेकर जागरूकता पैदा करने से कम किया जा सकता है। पैनल ने कोविड और नॉन-कोविड मौतों के रेगुलर डेथ ऑडिट का भी सुझाव दिया है।

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