भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के अच्छे दिन हुए खत्म, अब जब्त होगी संपत्ति

मुंबई
मुंबई की विशेष अदालत ने भगोड़े आभूषण कारोबारी नीरव मोदी की संपत्ति आर्थिक अपराधी भगोड़ा कानून के तहत जब्त करने का आदेश दिया। देश में यह पहला ऐसा मामला है जब अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी (FEO) कानून के तहत किसी की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है। नीरव मोदी को पिछले साल दिसंबर में भोगड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को निर्देश दिया है कि वो पंजाब नैशनल बैंक (PNB) और बैंकों के एक कंसोर्शियम के लिए सुरक्षित उसकी संपत्तियों को छोड़ दे।

अगर कोई आरोपी भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित हो जाता है तो एफईओ ऐक्ट के तहत केंद्र सरकार को उसकी संपत्ति जब्त करने का अधिकार मिल जाता है। ईडी ने 2018 में ही नीरव मोदी की संपत्ति जब्त करने की अनुमति अदालत से मांगी थी।

नीरव मोदी पीएनबी स्कैम का मुख्य आरोपी है। उसने फर्जी लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) के जरिए पीएनबी को 7,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगाया था। इस काम में उसे बैंक के कुछ कर्मचारियों ने भी मदद की थी। वह फर्जीवाड़े को अंजाम देकर जनवरी 2018 में भारत से भाग गया और अभी यूके की जेल में है। भारत में सीबीआई भी उसके खिलाफ जांच कर रही है और उसके प्रत्यर्पण की कोशिशों में जुटी है। यूके में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की अपील पर 11 मई को सुनवाई शुरू हुई थी जो सितंबर तक स्थगित हो गई है।

बहरहाल, स्पेशल कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि नीरव की संपत्तियां एपईओ ऐक्ट, 2018 के सेक्शन 12(2) और (8) के तहत केंद्र सरकार के कब्जे में रहेगी।

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