नई दिल्ली। देश में कोरोना का खतरा एक बार फिर बढ़ता दिखाई दे रहा है। पिछले 24 घंटे में आए 335 नए मामलों ने एक बार फिर,सरकार से लेकर आम जनता के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 1,701 हो गई है। इसके साथ ही देश में कोरोना से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। रविवार को इस जानलेवा वायरस से यूपी में 1 और केरल में 4 लोगों की मौत भी हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना के नए वैरिएंट जेएन-1 की केरल में एंट्री के साथ ही देश के लगभग सभी राज्यों ने अपने यहां स्वास्थ्य से जुड़ी सुरक्षा बढ़ा दी है। बता दें कि यह वही वैरिएंट है जिसके चलते सिंगापुर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
केरल में कोरोना के इस घातक वैरिएंट के मिलने के बाद पड़ोसी राज्य कर्नाटक की सरकार भी अलर्ट हो गई है। वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य के सभी लोगों से मास्क पहनने की अपील की है। स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि, ‘लोगों को घबराने की जरुरत नहीं है, लेकिन अलर्ट रहना जरुरी है।’ उन्होंने कहा, ‘इस मामले को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कल मेरी बैठक हुई। जिसमें चर्चा की गई कि क्या कदम उठाए जान चाहिए? हम जल्द ही नई एडवाइजरी जारी करेंगे। फिलहाल जिनकी उम्र 60 साल या उससे ज्यादा है और जिनको हृदय संबंधी या अन्य गंभीर बीमारियां हैं, उन्हें मास्क पहनना चाहिए।’
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पतालों में तैयारी को कहा, ‘हमने सरकारी अस्पतालों को तैयार रहने को कहा है। केरल के साथ सीमा साझा करने वाले इलाकों को अधिक सतर्क रहना चाहिए। मैंगलोर, चमनजनगर और कोडागु को सतर्क रहना चाहिए। यहां टेस्टिंग भी बढ़ाई जाएगी। जिन लोगों को सांस संबंधी समस्या है, उन्हें अनिवार्य रूप से टेस्ट कराना होगा।’
सिंगापुर में जेएन.1 वैरिएंट के फैलने से दहशत
दक्षिण एशियाई देश सिंगापुर में कोरोना के जेएन.1 वैरिएंट के फैलने से हालात बेहद खराब हो गए हैं। यहां बीते 3 से 9 दिसंबर के बीच 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सिंगापुर में कोरोना के मामले इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि अस्पतालें मरीजों से पूरी तरह भर गई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सिंगापुर के लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है।
खत्म नहीं हुआ कोरोना
महामारी विशेषज्ञ का कहना है कि कोरोना का वायरस अभी खत्म नहीं हुआ है। यह खुद को जिंदा रखने के लिए अपने रूप में बदलाव करता रहता है। यही कारण है कि इसके नए -नए सब वेरिएंट सामने आते हैं। ठंड के मौसम में सांस संबंधी बीमारियों के मामलों में इजाफा हो जाता है। जिससे कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं। खांसी और छींकने के जरिए वायरस का ट्रांसमिशन होता है और मामलों में इजाफा हो जाता है।