वाराणसी में तेजी से फैल रहा आई फ्लू, रहें सावधान; ऐसे करें बचाव

-स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी, चिकित्सालयों में इसके लिए अलर्ट

वाराणसी (हि.स.)। वाराणसी में आंखों का संक्रमण आई फ्लू (कंजक्टिवाइटिस )तेजी से फैल रहा है। आई फ्लू को लेकर सतर्क व सावधान रहने के साथ जागरूकता भी जरूरी है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने हेल्थ एड्वाइजरी जारी की है।

सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने चिकित्सा अधीक्षक व स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया कि सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं जिला स्तरीय अस्पतालों में आई फ्लू से संबंधित आई ड्रॉप औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। किसी भी व्यक्ति को दवा से संबंधित समस्याओं का सामना न करना पड़े।

सीएमओ ने निर्देश दिया है कि ओपीडी में आने वाले मरीजों को पूरी तरह संतुष्ट कर ही वापस भेजें। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सालयों में इसके लिए अलर्ट भी जारी किया गया है। आई फ्लू से संक्रमित लोगों को बचाव और इलाज के बारे में बताया जा रहा है। आई फ्लू में अचानक आंख लाल हो जाती है। आंख में जलन और चुभन की समस्या भी होती है। युवाओं, बुजुर्गों के साथ बच्चे भी इसकी चपेट में हैं।

उन्होंने आमजन से सावधानियां बरतने की अपील की है। आईडीएसपी के नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ. एसएस कनौजिया ने बताया कि बरसात के मौसम में वायरल इन्फेक्शन समेत हवा में प्रदूषण, वातावरण में नमी जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसकी वजह से आंखों से जुड़ी परेशानियां (आई फ्लू संक्रमण) भी बढ़ जाती हैं।

उन्होंने बताया कि आई फ्लू या कंजक्टिवाइटिस की समस्या बारिश के मौसम में ज्यादा देखी जाती है। इसका कारण है कि कंज्टिवा या पतली और क्लियर लेयर जो पलक के अंदर की परत और आंख के सफेद हिस्से को ढकता है, उसमें सूजन आ जाती है। इस कारण आंख हल्की गुलाबी या लाल हो जाती है। उन्होंने बताया कि बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस बैक्टीरिया के कारण होता है और अत्यधिक संक्रामक भी हो सकता है। यह दूषित हाथों का आंख के संपर्क आने के कारण होता है।

आई फ्लू होने पर ऐसे करें बचाव-

आंखों को हाथ से न छुएं। हाथों को जरूर धोएं। निजी चीजों जैसे तौलिया, रुमाल, तकिया, आई कॉस्मेटिक (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें।

संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनायें, संक्रमित व्यक्ति के इस्तेमाल की चीजें इस्तेमाल न करें। ज्यादा भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें। टीवी या मोबाइल से खुद को दूर रखें। हर एक आधे घंटे में आंखों को ठंडे पानी से धोयें। चश्मे का इस्तेमाल करें, आंखों को बार-बार हाथों से न छुएं, समय-समय पर हाथों को साबुन से धोएं और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

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