
भला है बुरा है जैसे भी हैं, मेरा पति मेरा देवता हैं. वो भी कुछ ऐसे ही सोचती थी, अपने पति को अपना खुदा मानती थी. पर उसे क्या मालुम था कि वो तो हैवान है. वो उससे प्यार नहीं करता बल्कि उसके जिस्म से प्यार करता है. जी हाँ ये कहानी है एक मुस्लिम युवती साफा की, जिसने खुलकर बताया कि सुहागरात को क्या कुछ हुआ था, वो रात जब बातें प्यार की होती है. इकरार की होती है. उस रात को उस महिला का बलात्कार हुआ. उसका शौहर सब कुछ भूला बैठा, अपनी हवस की भूख ऐसे मिटाई कि आज भी साफा सब कुछ याद करके सिहर उठती है.
जी हाँ ये कहानी है मिस्र की. यहाँ मिस्र की महिलाएं यौन हिंसा के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने लगी हैं. इसके पीछे का कारण ये है कि हाल ही में मिस्र के एक धारावाहिक टीवी शो पर दिखाए गए एक सीन के बाद महिलाओं ने अपने साथ हुए बुरे अनुभवों को सोशल मीडिया पर शेयर करना शुरू कर दिया है. इसी में एक मामला 34 साल की महिला का है, जिसके पति ने ही सुहागरात पर उसका रेप किया. साफा ने रमज़ान के महीने में टीवी पर प्रसारित धारावाहिक न्यूटंस क्रेडल का एक दृश्य देखा. इसमें एक पति को अपनी पत्नी के साथ बलात्कार करते दिखाया गया था इस दृश्य को देखकर कई महिलाओं की बुरी यादें ताज़ा हो गईं. इसने उन्हें इस बारे में खुलकर सोशल मीडिया पर बात करने और अपने अनुभव साझा करने का मौक़ा भी दिया, यही वजह है कि अब कई महिलाए खुल कर सामने आ रही है.
इसी में साफा कहती हैं कि, ‘मेरे पीरियड चल रहे थे और मैं सेक्स के लिए तैयार नहीं थी. लेकिन मेरे पति को लगा कि मैं उनके साथ रिश्ता बनाने से बच रही हूं. इसलिए शादी की पहली रात को ही उन्होंने मुझे मारा, मेरे हाथ बांध दिए, मेरा मुंह दबाया और फिर रेप किया.’ इस यौन हमले ने उनके गुप्तांग, कलाई और चेहरे पर चोट आई.
वहीं 27 वर्षीय एक अन्य महिला की कहानी तो और भी दर्दनाक है. वे लिखती हैं, ‘वो मेरे लिए किसी फरिश्ते की तरह थें. जब हमारी शादी को एक साल हुआ था, उस समय मैं प्रेग्नेंट हो गई थी और मेरी डिलीवरी होने वाली थी. हालांकि इस बीच हमारी लड़ाई हो गई, जिसके बाद उसने मुझे सजा देने का फैसला किया था. उसने मेरे साथ जबरदस्ती संबंध बनाने की कोशिश की और मेरा रेप किया था. इस के चलते मेरा मिसकैरेज हो गया था. इसके बाद मैंने एक लंबी लड़ाई के बाद अपने पति से तलाक लिया था और उससे अलग हो गई थी. लेकिन आज भी अपने बच्चे को गंवाने का दर्द मेरे जहन में है.
दरअसल मिस्र के कई इलाकों में खासतौर पर सुहागरात के दिन पत्नी से जबरदस्ती सेक्स करना एक प्रचलित सामाजिक बुराई है. इन मामंलों मी नेशनल काउंसिल फॉर वीमेन की एक रिपोर्ट के अनुसार, मिस्र में हर साल औसतन 6500 ऐसे केस आते हैं जिनमें पति द्वारा महिलाओं पर मैरिटल रेप, सेक्शुएल हैरेसमेंट और जबरदस्ती सेक्शुएल प्रैक्टिस की घटनाएं शामिल होती हैं.
वहीं बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक़ महिलाओं के लिए कानूनी मदद मुहैया कराने वाली संस्था में कार्यरत एक महिला कहती हैं, ‘मिस्र में महिलाओं को सेक्स के लिए 24 घंटे उपलब्ध मानना सामान्य संस्कृति है. वैवाहिक बलात्कार के लिए यही धारणा जिम्मेदार है.’ वो कहती हैं, मिस्र में आम धार्मिक मान्यता ये है कि यदि कोई महिला अपने पति के साथ सेक्स करने से इनकार करती है तो वो पाप करती है और सारी रात फरिश्ते उसे बददुआ देते रहते हैं.
दरअसल मिस्र में रूढ़िवादी सोच को मानने वाले कई लोग है. ऐसे में वैवाहिक बलात्कार उनके लिए अपराध नहीं. और अब जिस तरह से महिलाएं वहां आवाज उठा रही है. अनुमान लगाया जा सकता है कि जल्द ही ये क्रान्ति का रूप ले लेगी.