हाथरस: सत्संग में भगदड़ से 116 लोगों की मौत, आयोजकों पर होगा मुकदमा
-मौके पर पहुंचे मुख्य सचिव व डीजीपी ने लिया हालात का जायजा, युद्ध स्तर पर राहत कार्य जारी
हाथरस । उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद में सिकंदराराऊ थाना अंतर्गत फुलरई मुगलगढ़ी के एक खेत में साकार हरि बाबा का एक दिवसीय सत्संग चल रहा था। सत्संग समापन के बाद वहां बाबा के दर्शन पाने की होड़ में भारी संख्या में पहुंचे बाबा के अनुयायियों की भीड़ जुटी थी। तभी अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें अब तक 116 लोगों की लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। यह बात घटनास्थल और हालात का जायजा लेने पहुंचे प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने पत्रकारों से कही।
डीजीपी ने कहा कि सत्संग में 80 हजार लोगों की अनुमति ली गई थी लेकिन वहां अनुमति से अधिक लोगों की भीड़ पहुंची। इस मामले में आयोजकों पर मुकदमा दर्ज होगा और कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हादसे में काफी संख्या में घायल लोगों को आसपास के जिलों में भर्ती कराया गया है। आशंका है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। प्रशासन अब भी घटना में कुल कितने लोगों मौत हुई है, इसके आंकड़े जुटा रहा है। मृतकों की संख्या अभी बढ़ सकती है। वहीं घायलों को समुचित उपचार जारी है।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मृतकों में सात बच्चे हैं और एक पुरुष के अलावा शेष महिलाएं हैं। इन मृतकों में 62 लोगों की शिनाख्त कर ली गई है। अन्य की पहचान के प्रयास जारी हैं, घटना में सभी बिन्दुओं पर जांच जारी है। कठोर कार्रवाई होगी।
सीएम ने कहा, हाथरस की घटना हादसा या सजिश इसकी होगी जांच
घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने इस संबंध में कहा कि जाँच समिति बना दी गई है। घटनास्थल पर मुख्य सचिव और डीजीपी कैंप कर रहे हैं। वहीं प्रदेश सरकार के तीन मंत्री वहां घायलों को उपचार आदि की सुविधा मुहैया करा रहे हैं। घटनास्थल पर भेजे गए तीनों मंत्रियों असीम अरुण, संदीप सिंह और लक्ष्मी नारायण चौधरी समेत मुख्य सचिव और डीजीपी से लगातार संपर्क करते हुए पल-पल की रिपोर्ट ली जा रही है। उन्होंने कहा कि यह हादसा है या साजिश, इसकी जांच होगी। उन्होंने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। साथ ही मुख्यमंत्री ने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर 24 घंटे में दुर्घटना के कारणों की जांच रिपोर्ट तलब की है।
सहायता राशि का किया ऐलान
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान किया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से भी मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है। घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सरकारी आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं और पल पल की रिपोर्ट के लिए उन्होंने प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों असीम अरुण, संदीप सिंह और लक्ष्मी नारायण चौधरी, मुख्य सचिव और डीजीपी को मौके पर भेजा है और लगातार उनके संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री का निर्देश है कि घटना का दोषी कोई हो, बचेगा नहीं, उस पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ जिला प्रशासन ने आम लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 05722227041 तथा 05722227042 जारी किए हैं।
सत्संग के दौरान मची भगदड़
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि के नाम से प्रसिद्ध भोले बाबा के कार्यक्रम में लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ जुटी। कार्यक्रम स्थल पर प्रशासन की परमिशन से ज्यादा भक्त सत्संग कार्यक्रम में पहुंचे। भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। मुख्य सचिव मनोज सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार घटनास्थल पर जांच के दौरान इसको लेकर आयोजकों की बड़ी लापरवाही मिली है। उन्हें घायलों से इलाज के दौरान यह जानकारी पूछताछ में पता चली। उन्होंने बताया कि समुचित उपचार के लिए कुछ घायलों को एटा भेजा गया। घटना सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के जीटी रोड स्थित गांव फुलराई के पास की है।
हादसे के बाद बाबा फरार, आयोजक अंडर ग्राउंड
हाथरस हादसे का जिम्मेदार साकार विश्व हरी भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है, जो कि उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी करता था। सूरज पाल उर्फ भोले बाबा इटावा में लगभग अट्ठाइस वर्ष पहले एलआईयू (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) में तैनात रह चुका है। जानकारी के मुताबिक 26 साल पहले किसी मुकदमे में फंसने के बाद सूरज पाल पुलिस विभाग से बर्खास्त कर दिया गया था। नौकरी से बर्खास्त और जेल से छूटने के बाद उसने अपना नाम और पहचान बदली और सूरज पाल भोले बाबा बन गया। वर्तमान में उसके पास बाबा राम रहीम की तरह इनकी अपनी सिक्योरिटी टीम है। हाथरस में सत्संग के दौरान हुए हादसे के बाद वह जनपद से अपने काफिले के साथ फरार हो गया है। वहीं सत्संग का आयोजन करीब 78 आयोजकों द्वारा किया गया था। इन सभी पर पुलिस व प्रशासनिक कार्रवाई को अमल में लाया जा रहा है। यह सभी आयोजक भी अंडर ग्राउंड हो गए हैं।