हाथरस केस में विदेशी फंडिंग! एक करोड़ रुपये के साथ ट्रैवल एजेंट गिरफ्तार

हाथरस केस को लेकर पूरे देश में बवाल मचा है. अब कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों की भूमिका पर सवाल उठने शुरू हो गये हैं. सवाल इसलिए क्योंकि सूबे की योगी सरकार ने पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं. मामले की सीबीआई जांच कराने की घोषणा की गई है. जिले के एसपी, एसएसपी और संबंधित थाने के इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है. सरकार ने आरोपियों के नारको और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने का आदेश दिया है. कुल मिलाकर योगी सरकार ने गुनहगारों के खिलाफ नकेल कस दी है.

इतना सब करने के बाद भी कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां रीजनीतिक रोटियां सेकने में लगी हैं. विपक्ष को पीड़िता को न्याय दिलाने से कोई लेना-देना नहीं है बल्कि उसे योगी सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काकर अपनी खिसक चुकी राजनीतिक जमीन को फिर से हासिल करने में जुटी है, ऐसा दावा किया जा रहा है. केस से जुड़े ऐसे ऑडियो और वीडियो टेप सामने आए हैं, जिसमें कांग्रेस की भूमका पर सवाल उठे हैं. दंगा भड़काने की साजिश की भी खुलासा हुआ है. इस मामले में पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) सदस्यों की गिरफ्तारी भी हुई है. दंगा भडंकाने के लिए देशी और विदेशी फंडिंग किये जाने का मामला भी सामने आया है.

अब केंद्र सरकार की खुफिया एजेंसी डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने एक करोड़ रुपये की धनराशि के साथ लखनऊ से एक बड़े ट्रैवल एजेंट को गिरफ्तार किया है. उसे बड़ा हवाला कारोबारी बताया जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक म्यांमार से सोना तस्करी के आरोप में वाराणसी से दबोचे गए 2 लोगों से पूछताछ में लखनऊ के ट्रैवल एजेंट का इनपुट मिला था. उसके बाद DRI ने देर रात लखनऊ के खुर्रम नगर इलाके से ट्रैवल एजेंट को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से एक करोड़ की नकदी और लाखों रुपये की विदेशी मुद्रा मिलने की बात कही जा रही है. अब डीआरआई उससे हाथरस कनेक्शन और सोना तस्करी के मामले में पूछताछ कर रही है.

फंडिंग को लेकर ईडी जांच कर रही है. ईडी की शुरुआती जांच में पता चला है कि हाथरस कांड की आड़ में जातीय हिंसा फैलाने के लिए मांरीशस से 50 करोड़ रुपए की फंडिंग की गई है. बताया जा रहा है कि इसके अलावा और भी फंडिंग की गई है जो 100 करोड़ से अधिक रुपए की थी. फिलहाल इस मामले की जांच जारी है.

वहीं इस केस में जेल में बंद आरोपियों ने पुलिस अधीक्षक को चिट्ठी लिखकर निष्पक्ष जांच और न्याय दिलाने की मांग की है. चिट्ठी में मुख्य आरोपी ने लड़की से दोस्ती की बात कबूली और कहा कि परिवार को हमारी और उसकी दोस्ती पसंद नहीं थी. जिसे लेकर उसके घर में मारपीट हुई. आरोपियों ने कहा कि उन्हें फंसाया गया है. पूरे मामले की जांच कराई जाए, जिससे न्याय मिले.

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