इंसानियत हुई तार-तार : दलित बटाईदार द्वारा पैर न छूने पर खेत मालिक ने नहीं दी बटाई की उपज, बेटी की टूटी शादी

महोबा। उत्तर प्रदेश को महोबा स्थित कोतवाली नथूपुरा गांव में अनुसूचित जाति की महिला प्रधान को कुर्सी से उठाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि गुरूवार को एक नया मामला सामने आया है। इस मामले में बटाई पर खेती करने वाले अनुसूचित जाति के व्यक्ति पर दबंग ने पैर छूने का दबाव बनाया है।

आरोप है कि जब बटाईदार ने दबंग की इस बात का विरोध किया तो गाली-गलौच सहित जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उपज का आधा हिस्सा देने से इनकार कर दिया गया। साल भर की मेहनत के बाद भी अनाज ना मिलने से बटाईदार की बेटी की शादी टूट गई। इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने जांच के आदेश दिए हैं।

घटना थाना कबरई के मकरबई गांव की बताई जा रही है। यहां रहने वाले बाबूराम अहिरवार बटाई पर खेती कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। गुरूवार 24 जून को बाबूराम अहिरवार ने पुलिस अधीक्षक सुधा सिंह को शिकायती पत्र देकर बताया कि उन्होने गांव के ही राजपूत परिवार की जमीन बटाई पर ली थी।

बाबूराम के मुताबिक उन्होने दिन-रात पत्नी व बच्चों के साथ खेत पर रहकर रखवाली की। 12 अप्रैल को गेहूं और चने की मड़ाई करवाई। आरोप है कि जब 13 अप्रैल को बाबूराम ने फसल का अपना हिस्सा मांगा तो दबंगों ने गाली-गलौच करते हुए जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया।

तमाम मिन्नतें करने के बाद पंचायत चुनाव के बाद उपज का बंटवारा करने की बात कही। बटाईदार बाबूराम का आरोप है कि दबंग लगातार धमकी दे रहा है। साथ ही पीड़ित बटाईदार से पूरे परिवार के पांव छूने का दबाव बना रहा है।

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