जिला अस्पताल में भर्ती करने के बजाय मरीज को टरकाया, देखे कानपुर का हाल



कानपुर। छोटे जिलों सरकारी अस्पतालों से इलाज के बजाए टरकाए जा रहे मरीजों का सहारा बनकर शहर का हैलट अस्पताल सामने आया है। बुधवार को उन्नाव के रहने वाले राजेश तिवारी को उनकी पत्नी उषा हैलट लेकर पहुंची। बताया कि बीते दिनों बुखार आया था,जिसका इलाज चल रहा है। डॉक्टर की लिखा हुआ सिरप पीने पर हालत बिगड़ी तो जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। हालत देखने के बाद डॉक्टरों ने हैलट रेफर कर दिया। हैलट इमरजेंसी में भर्ती किया गया और जांचे कराई गई।


इसी तरह बांदा की रहने वाली किरन को बीते कई महीनों से सिर में दर्द की शिकायत है। हैलट लेकर पहुंचे पति महेंद्र प्रताप ने बताया कि बुधवार को पत्नी अचानक से गुमसुम हो गई। इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे वहां डॉक्टरों ने हमारी परेशानी सुनना तक जरूरी नहीं समझा। हैलट में इनकी सीटी स्कैन समेत की जांचे कराई गई और इलाज शुरु किया गया।

 
बुजुर्ग को नहीं मिला इलाज
औरेया से आए बुजुर्ग सियाराम मिश्रा को उनका दामाद सुधाकर दोपहर हैलट लेकर पहुंचा। बताया कि शुगर और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत पर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। बताया कि,वहां का हाल इतना बुरा था कि,एक घंटा तक स्ट्रेचर पर मरीज को लेटा रहने के बाद भी डॉक्टर नहीं आए। सहीं इलाज मिल सके इसलिए कानपुर का रुख किया। इनको भी भर्ती करके इलाज शुरु किया गया।
नक्खास चौकी फर्रुखाबाद निवासी जावेद के सोलह माह के मासूम बेटे मुअज्जम की बायीं आँख में पिछले कई दिनों से मवाद निकल रहा है। कई जगह बेटे का इलाज कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बुधवार दोपहर पत्नी कोमल संग हैलट पहुंचे। यहां बेटे की नेत्र रोग विभाग मैं जांचे कराई गई।

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