यूपी : पैरों से लाचार बेटी का छिन गया सहारा, प्राइमरी की प्रिंसिपल ने लड़ी 10 दिन कोरोना से जंग, लेकिन…

फाइल फोटो

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर से दिल को दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां बुखार की हालत में पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने गई प्राइमरी स्कूल की प्रिंसिपल की ड्यूटी से लौटने के बाद हालत बिगड़ गई। तीन दिन घर पर ही तड़पती रही, अंत में परिवार वाले उन्हें लेकर प्रयागराज गए। जहां सातवें दिन उन्होंने दम तोड़ दिया। मृतका प्रिंसिपल के एक इकलौती बेटी है जो जन्म से ही विकलांग है, अब उसकी सेवा कौन करेगा ये बड़ा सवाल बन गया है।

जानकारी के अनुसार, शहर के डिहवा मोहल्ले के प्राइमरी स्कूल में फरीदा सिद्दीकी प्रिंसिपल के पद पर थीं। वो एजुकेशन कालोनी में रहती थीं। पति मुशीर अहमद के अनुसार, 19 अप्रैल को होने वाले पंचायत चुनाव से पहले जब फरीदा सिद्दीकी ट्रेनिंग में गई तो उन्हें बुखार आ गया। उनकी ड्यूटी दोस्तपुर ब्लॉक के प्राथमिक पाठशाला मुस्तफाबाद कला में लगी थी।

ड्यूटी के लिए तैयार नहीं थी पत्नी

पति मुशीर के अनुसार बुखार की अवस्था में पत्नी ड्यूटी के लिए तैयार नही थीं। आरओ और कादीपुर की नायब तहसीलदार से ड्यूटी काटने का रिक्वेस्ट भी किया था। लेकिन यह कहकर टाल दिया गया कि ड्यूटी नही कटेगी। आखिर में उन्होंने ड्यूटी किया, चुनाव से लौटने के बाद तबियत बिगड़ गई। हास्पिटल में जगह नही मिली तो घर पर ही तीन चार दिन इलाज कराया।

बेहतर इलाज के लिए ले गए थे प्रयागराज

तबियत जब बिगड़ी तो परिजन फरीदा को बेहतर इलाज के लिए लेकर प्रयागराज चले गए। वहां उनका इलाज होने लगा। कुछ सुधार भी हुआ लेकिन 30 अप्रैल को एकाएक उनकी तबियत बिगड़ गई और अंत में उन्होंने सदा के लिए आंखे बंद कर ली। कोविड प्रोटोकॉल के चलते उनकी प्रयागराज में ही जनाजे की नमाज पढ़ी गई और फिर सुपुर्द खाक किया गया।

फरीदा सिद्दीकी के पति मुशीर बताते हैं कि, हमारे 23 साल की एक बेटी है जो बचपन से ही दोनो पैरों से चलने में असमर्थ है। पत्नी ही उसका ख्याल रखती थी अब कौन उसे देखेगा। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो मैं इस मामले में कोर्ट तक जाऊंगा।

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