सीतापुर : बेकाबू कोरोना ने फिर फोड़ दिया बम, बीते 24 घण्टो में पांच मरीजों की मौत, 321 लोग हुए संक्रमित



सीतापुर : पिछले एक सप्ताह से संक्रमितों के आंकड़ों ने कुछ राहत दी थी, लेकिन आंकड़े परेशान करने वाले सामने आए हैं। 321 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। इसमें स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी व बैंककर्मी शामिल हैं। इससे पहले तीन सौ का आंकड़ा 24 अप्रैल को पार हुआ था। तब 311 लोग संक्रमित मिले थे। मौतों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। कोविड से पांच लोगों की मौत हो गई। जिले में सरकारी आंकड़ों में कोरोना से मरने वालों की संख्या 142 पहुंच गई है। जिले में कोरोना की लहर थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले एक सप्ताह से कोरोना की लहर के बीच संक्रमण की रफ्तार कुछ धीमी हुई थी। इससे राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी। बुधवार को पिछले एक सप्ताह का रिकार्ड पूरी तरह से टूट गया। एक साथ 321 लोग संक्रमित मिले है। इनमें सीएचसी अधीक्षक पिसावां सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी, बैंककर्मी, पुलिस कर्मी व राजस्व विभाग से जुड़े लोग पॉजिटिव हुए हैं। इससे पहले 24 अप्रैल को 311 लोग संक्रमित मिले थे। उसके बाद 200 के नीचे ही आंकड़ा आ रहा था। रोजाना केसों की संख्या घटती जा रही थी। 150 से नीचे केस आना शुरू हो गए थे। 

स्वास्थ्य विभाग भी आंकड़ों को देखकर राहत महसूस कर रहा था। लेकिन बुधवार को जब रिकार्ड तोड़ मरीज आए तो सबके चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है।एसीएमओ डॉ. पीके सिंह का कहना है अब गांवों में भी संक्रमण फैलने लगा है। लोग बेवजह बाहर निकल रहे हैं। सार्वजनिक स्थानों पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो रहा है। इसी वजह से संक्रमण में वृद्धि हुई है। संक्रमण के साथ मौतों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर चार लोगों के मौत की सूचना फीड गई है। इन मृतकों की जानकारी जुटाई जा रही है। एल-टू में एक महोली इलाके के पॉजिटिव की मौत हो गई है। इन मौतों के साथ जिले में सरकारी आंकड़ों में 142 की मौत हो चुकी है। हकीकत में मौतों का आंकड़ा काफी अधिक हो चुका है। जिले में एक्टिव केसों की संख्या 1492 पहुंच गई है। वही नगर पालिका में एक दिन पहले बिल कलेक्टर अभिषेक शेखावत संक्रमित हुए थे। उसके बाद नगर पालिका को कंटेनमेंट जोन बना देना चाहिए था। लेकिन इसे कंटेनमेंट जोन नहीं बनाया गया है। बुधवार को कई अनुभाग के कर्मचारी काम करते हुए नगर पालिका परिसर में देखे गए। ईओ खुद ही कामकाज निपटा रहे थे। कर्मचारियों ने दबी जुबान से कहा, नगर पालिका में जब संक्रमण आ चुका है तो अन्य कर्मचारी भी संक्रमित हो सकते है। लेकिन साहब हम लोगों को बुलाकर काम कराते हैं। मजबूरी में जान जोखिम में डालकर आना पड़ रहा है।

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