हल्की सी मुस्कान ईदी के बराबर लगती है

इमरान खान

बरेली। सेंथल। एक ओर कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या देश में लगातार बढ़ रही है तो वही दूसरी ओर लॉकडाउन के बीच कई सामाजिक व धार्मिक संस्थाएं लोगों की मदद कर रही है। इसी क्रम में छात्र संगठन भी पीछे रहना नहीं चाहते है। ऐसे ही एक छात्र है जिन्होंने अपने रमज़ान के बाद आने वाली ईद भी बेसहाराओं और गरीबों के नाम कर कर दी। मंज़ूर हैदर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से प्रथम वर्ष के छात्र हैं वह अपने तरीके से जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं।लॉकडाउन में गरीब व मध्यमवर्गीय लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है। कोरोना महामारी के साथ-साथ भूखमरी से भी लोग जंग लड़ रहे हैं। लॉकडाउन ने लोगों का रोजगार छीन लिया है। लोग दाने-दाने को तरस रहे हैं।

वैसे में कोई भूखा ना रहे। इसी मुहीम को लेकर मंजूर ने अपनी बस्ती के गरीब और ज़रूरतमंदो के लिये खाना पहुंचाने का बीड़ा उठाया। मंज़ूर ने अपने घर से कदम बढ़ाते हुये गरीबों व असहायों की मदद करते देखे गये। जगह-जगह सहायता सामग्री पहुंचाने वाले लंच पैकेट, खाद्य सामग्री, राशन आदि मुहैया कराते नजर आये। वही मंज़ूर बताते है जब वो किसी जरूरतमंद की मदद करते हैं तो जो उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आती है वह उन्हें अपने बड़ो द्वारा दी गई ईदी जैसी लगती है।

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