आस्था का केंद्र बना बाबा भैरवनाथ मंदिर, सच्चे मन से मांगी गई मन्नत यहां होती है पूरी

कार्तिक महीने में हर वर्ष होती है रामलीला

मुंडन, यज्ञोपवीत जैसे धार्मिक कार्यक्रमों का भी होता रहता है आयोजन

सच्चे मन से मांगी गई मन्नत यहां होती है पूरी

कौशलेंद्र भूषण पाण्डेय
नवाबगंज/बहराइच। ब्लॉक नवाबगंज क्षेत्र अन्तर्गत नरायनजोत गांव में स्थापित भैरव नाथ मंदिर क्षेत्र में आस्था का केंद्र बना हुआ है। नवाबगंज अंतर्गत बाबागंज ब्लॉक मुख्यालय से दक्षिण पूर्व स्थित ग्राम पंचायत मकनपुर के मजरा नारायन जोत में भैरव नाथ मंदिर की स्थापना पांडव काल की बताई जा रही है।
गांव के जानकारों के अनुसार यह मंदिर गांव में शिवलिंग के रूप में स्थापित था बताया जाता है कि उस समय के तत्कालीन चरदा किला के राजा जोत सिंह के द्वारा कई बार इस शिवलिंग को यहां से चरदा किला पर स्थापित करने के लिए ले जाने का प्रयास किया गया।

लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी। आखिर में वह शिवलिंग की शक्ति के आगे नतमस्तक हो गए और यहां पर एक मंदिर का निर्माण करा दिया गया जो समय के साथ बाबा भैरवनाथ मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया और यह लोगों में आस्था का केंद्र बनता गया। बाद में इसी मंदिर परिसर में राम जानकी मंदिर, हनुमान मंदिर, भैरव नाथ मंदिर भी भक्तों द्वारा बनवाया गया। यहां पर शिवरात्रि, नवरात्रि, पूर्णिमा, अमावस्या, दशहरा को मेला लगता है। विगत कई वर्षो से यहां कार्तिक महीने में रामलीला का आयोजन होता आ रहा है। बर्तमान में पप्पू गिरी जी महाराज मंदिर के पुजारी हैं। संरक्षक मंडल में अम्बर लाल पाण्डेय, श्याम सुंदर, चंद्र भूषण पाण्डे, तेज नारायण त्रिपाठी व ग्राम प्रधान अशोक वर्मा इस मंदिर की व्यवस्था देख रहे हैं। नवरात्रि में यहां पर जल चढ़ाने, पूजा पाठ करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है।

यहां पर स्थानीय ग्रामीणों सहित मित्र राष्ट्र नेपाल के भी दर्शनार्थी आते हैं। ग्रामीणों के अनुसार यह एक सिद्ध स्थल है, जहां पर सच्चे दिल से मांगी गई मन्नते अवश्य पूरी होती हैं। फिलहाल भैरव बाबा का मंदिर नवाबगंज क्षेत्र में आस्था, भक्ति व श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है। प्रत्येक सोमवार और गुरुवार को यहां पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ बनी रहती है। मंदिर परिसर में ही अनेक मुंडन, यज्ञोपवीत, रामायण जैसे धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

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