लाभार्थियों ने बनवाया शौचालय, रकम डकार गए प्रधान

शौचालय निर्माण की रकम पाने के लिए अधिकारियों का चक्कर लगा रहे लाभार्थी

कौशांबी. स्वच्छ भारत अभियान और स्वच्छता अभियान के तहत गांव के गरीब जनता को शौचालय निर्माण के लिए सरकार धन दे रही है सरकार द्वारा शौचालय निर्माण की दी जा रही रकम जिम्मेदारों की तिजोरी भरने का साधन बन चुकी है लाभार्थियों तक रकम नहीं पहुंच पाती है और जिम्मेदार बैंक खाते से रकम निकालकर डकार लेते हैं जिले में तमाम लाभार्थी शौचालय बनाने के बाद भी रकम नहीं पा सके हैं और शिकायतों के बाद भी सरकारी रकम डकारने वाले ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान को भरसक बचाने का प्रयास होता है.

इसी तरह का एक ताजा मामला फिर नेवादा विकासखंड के से सेउढा गांव का प्रकाश में आया है जहां लाभार्थियों से ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों ने यह कहा कि पहले तुम अपनी रकम से शौचालय बनवा लो फिर हम तुम्हें सरकारी रकम बैंक से दे देंगे लाभार्थियों ने भरोषा कर सामान बाजार से उधार लाकर शौचालय बना कर खड़ा कर दिया लेकिन रकम देने के समय ग्राम प्रधान और सिंगरेटरियो ने लाभार्थियों से बहानेबाजी शुरू कर दी कई महीने बीत जाने के बाद सेउढा ग्राम सभा के दर्जनों लोगों को शौचालय निर्माण की रकम नहीं मिल सकी है 


जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय के आंकड़े बताते हैं इस गांव में 55 शौचालय निर्माण का लक्ष्य रखा गया था 47 शौचालय निर्माण की रकम 7 महीने पूर्व ग्राम पंचायत के खाते में भेज दी गई है यह रकम लाभार्थियों के खाते में जानी चाहिए लेकिन जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय ने ग्राम पंचायत के खाते में रकम दे दी है और ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों ने बैंक से रकम निकाल ली है लेकिन लाभार्थी को रकम नहीं मिल सकी है शौचालय निर्माण योजना में इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच हुई तो ग्राम प्रधान सेक्रेटरी के साथ-साथ विभाग के जिम्मेदारों के भी भ्रष्टाचार की कलाई उजागर होना तय है आखिर किन परिस्थितियों में लाभार्थियों के बजाय ग्राम पंचायत के खाते में शौचालय निर्माण की रकम भेजी गई है यह बड़ी जांच का विषय है

*शौचालय निर्माण की रकम के घोटाले की मुख्यमंत्री से होगी शिकायत*
*कौशाम्बी* नेवादा विकासखंड के सेउढा ग्राम पंचायत में  शौचालय निर्माण में लाभार्थियों की रकम  जिम्मेदारों द्वारा डकार लिए जाने के बारे में जब चायल विधायक संजय गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यदि नियम विरुद्ध तरीके से पंचायत के खाते में रकम भेजी गई है तो जिम्मेदारों के कारनामों पर जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को अवगत कराया जा रहा है। 

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