
रायबरेली । प्रवासी मजदूर किसी न किसी जतन से घर पहुंच रहे हैं और लापरवाही से लोगों को खतरे में भी डाल रहे हैं। रायबरेली में कोरोना संक्रिमत पाए दो लोगों ने तो घर आने के लिए एक कैंसर मरीज़ तक का सहारा लिया और सैकड़ों लोगों की जान जोखिम में डाल दी। इनकी लापरवाही से पूरे क्षेत्र में अब दहशत का आलम है।
ऊँचाहार क्षेत्र के दो लोग मुम्बई के धारावी से अपने गांव सराय अखितयार 28 अप्रैल को लौटे थे।घर आने के लिए दोनों ने एक कैंसर मरीज का सहारा लिया। जानकारी के अनुसार उनके गांव का एक मरीज मुम्बई में कैंसर का इलाज करा रहा था। उनका सहारा लिया और मरीज का तीमारदार बनकर अनुमति हासिल कर ली। दोनों कैंसर मरीज के साथ ही 28 अप्रैल को गांव लौट आये, जहां से उनको क्वारन्टीन के लिए भेज दिया। बावजूद इसके दोनों स्वास्थ्य टीम और प्रशासन को चकमा देते हुए भाग निकले और घर में आकर छुप गए।
पुलिस ने दुबारा दोनों को पकड़ा और ऊँचाहार के राजकीय डिग्री कॉलेज में क्वारन्टीन करके सैम्पल भेजा गया। दोनों प्रवासियों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर सभी के होश उड़ गए। अब पुलिस इस बीच घर में रहने के दौरान किन-किन के सम्पर्क में रहे इसका पता लगाने में जुटी हुई है। पूरे परिवार वालों को क्वारन्टीन करते हुए गांव को सील कर दिया गया है। इन दोनों प्रवासियों की हरकत ने पूरे क्षेत्र की जान सांसत में डाल दी है।
ग़ौरतलब है कि रायबरेली में अब तक कुल 47 कोरोना संक्रिमत मिले हैं जिनमें एक डॉक्टर भी है।जिले में आठ हॉट स्पॉट क्षेत्र बनकर घर-घर सर्वे और जांच का काम जारी है।