Delhi Air Pollution : जानिए GRAP-4 में क्या-क्या पाबंदियां होती हैं, दिल्ली में कितना पहुंचा AQI?

GRAP-4 imposed in Delhi: दिल्ली-NCR में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अति गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। आसमान में छाई स्मॉग की चादर और हवा में घुले प्रदूषण के जहर की वजह से लोगों को बेहद मुश्किलों को सामना करना पड़ा है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकार ने दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-4 (GRAP-4) लागू कर दिया है।

GRAP-4 लागू होने से सार्वजनिक परियोजनाओं से संबंधित निर्माण कार्य, प्रदूषण फैलाने वाले ट्रक और चार पहिया कमर्शियल व्हीकल के राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। ये नियम केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना के अंतिम चौथे चरण के तहत लागू किए गए हैं, जो राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक के 450 को पार करने से कम से कम तीन दिन पहले लागू किया जाता है। हालांकि, इस बार ये नियम पहले से सक्रियता दिखाते हुए लागू नहीं किए गए।

स्कूल 10 नवंबर तक बंद 

दिल्ली और एनसीआर के राज्यों से सभी आपातकालीन उपायों को लागू करने के लिए कहा गया है, जिसमें सरकारी और निजी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए घर से काम करने के निर्देश भी शामिल है। दिल्ली सरकार ने छोटे बच्चों को इस खतरनाक प्रदूषण से बचाने के प्रयास के तहत सभी प्राथमिक विद्यालयों को 10 नवंबर तक बंद करने की भी घोषणा की है।

463 पहुंचा AQI

दिल्ली में मौसम की प्रतिकूल स्थितियों और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी के बीच दिल्ली में रविवार को दोपहर 3 बजे एक्यूआई 463 दर्ज किया गया, जो शनिवार को दोपहर चार बजे 415 था। वायु प्रदूषण की यह गंभीर समस्या केवल दिल्ली तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पड़ोसी राज्य हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच गयी है।

क्या है GRAP-4?

दिल्ली-NCR में अभी तक ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-3 (GRAP-3) लागू था। वायु गुणवत्ता के आधार पर GRAP को चार चरणों में बांटा गया है।

  • पहले चरण AQI 201-300 यानी ‘खराब’ होने पर लागू किया जाता है
  • दूसरा चरण AQI 301-400 (बहुत खराब) होने पर लागू होता है
  • तीसरा चरण AQI 401-450 (गंभीर) होने पर लागू होता है
  • चौथा चरण AQI 450 से अधिक (गंभीर से भी ज्यादा) होने पर लागू किया जाता है

पहले चरण में पाबंदियां

500 वर्ग मीटर के बराबर या उससे अधिक के इलाके में निर्माण और तोड़फोड़ पर रोकने का आदेश दिया जाता है। दिल्ली के 300 किलोमीटर के अंदर प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों और थर्मल पावर प्लांट पर भी कार्रवाई का प्रावधान है। होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों के तंदूर में कोयले और लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दी जाती है।

दूसरे चरण में पाबंदियां

दूसरे चरण के तहत उठाए जाने वाले कदमों में निजी वाहनों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाना और सीएनजी/इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो सेवाओं को बढ़ावा देना शामिल है।

तीसरे चरण की पाबंदियां

दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में पेट्रोल से चलने वाले बीएस-3 इंजन वाले और डीजल से चलने वाले बीएस-4 चार पहिया वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लगाने का प्रावधान है। आवश्यक सरकारी परियोजनाओं, खनन और पत्थर तोड़ने को छोड़कर निर्माण, तोड़फोड़ कार्यों पर पूरी तरह रोक लगा दी जाती है। दिल्ली से बाहर पंजीकृत हल्के कमर्शियल व्हीकल, डीजल के ट्रक, मध्यम और भारी माल वाहनों (आवश्यक सेवाओं में शामिल वाहनों को छोड़कर) के प्रवेश पर प्रतिबंध भी शामिल है।

चौथे चरण की पाबंदियां

चौथा चरण लागू होते ही सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध लगाया जाता है। राज्य सरकारें ऐसी स्थितियों के दौरान स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं और सरकारी, निजी कार्यालयों के लिए घर से काम करने के बारे में निर्णय लेने के लिए भी अधिकृत है। NCR राज्य सरकार के अंतर्गत और GNCTD के अंतर्गत आने वाली, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को 50% क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की अनुमति देने पर निर्णय लेगी। राज्य सरकारें अतिरिक्त आपातकालीन उपायों पर विचार कर सकती हैं जैसे कॉलेजों/शैक्षणिक संस्थानों को गैर-आपातकालीन बंद करना और गतिविधियों को बंद करना, पंजीकरण संख्या के आधार पर ऑड-इवेन आधार पर वाहनों को चलाने की अनुमति देना शामिल है।

 

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