शहजाद अंसारी
बिजनौर। गन्ना मूल्य भुगतान कराने की मांग को लेकर आजाद किसान यूनियन के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। बिना आग की चिता पर सामूहिक आत्मदाह का प्रयास किया गया। पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिये पानी की बौछार की गयी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से पानी का पाईप छीना तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें वहां से खदेड़ दिया। पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया है।
किसानों को गन्ना भुगतान करने की मांग को लेकर आजाद किसान यूनियन ने कलक्ट्रेट में आत्मदाह की चेतावनी दे रखी थी। पूर्व निर्धरित कार्यक्रम के अनुसार संगठन के पदाध्किरी व कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुए कलक्ट्रेट पहुंच गये। उन्होंने हाथों में लकडियां ले रखी थीं। उन्होंने डीएम कार्यालय के सामने चिता तैयारी की और बारी-बारी से उस पर बैठकर आत्मदाह का प्रयास किया। हालांकि बताया जाता है कि प्रदर्शन के दौरान सजायी गयी चिता पर कैरोसीन] पैट्रोल अथवा डीजल आदि कोई ज्वलनशील पदार्थ नहीं डाला गया था।
जिस कारण लकडियों में आसानी से आग लगना संभव नहीं था। इसके बावजूद मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने चिता पर किसी भी किसान को लेटने नहीं दिया। जो भी प्रदर्शनकारी चिता पर लेटता था। उसे पुलिस पफोर्स उठा लेती थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिये पानी की बौछार की। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से पानी का पाईप ही छीन लिया। पानी के पाईप को लेकर पुलिस व प्रदर्शनकारियों में कापफी देर तक खींचातानी चलती रही।
इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों की ओर चिता की लकडियां भी फेंकी। हालांकि लकडियां किसी को लगी नहीं, लेकिन हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को वहां से खदेड़ा। इस दौरान पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया। इसके बाद कलक्ट्रेट में मौजूद चिता को हटाया गया। इस घटना के संबन्ध में जिलाधिकारी अटल कुमार राय का कहना है कि आजाद किसान यूनियन के पदाधिकारी पिछले साल का गन्ना मूल्य भुगतान कराने की मांग कर रहे हैं। जिले की नौ चीनी मिलों में से सात ने पूर्ण भुगतान कर दिया है। शेष दो मील बिजनौर व चांदपुर से भुगतान जल्द से जल्द कराने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं।
आत्मदाह या आत्महत्या करना अपराध है और यह लोग अपराध कलक्ट्रेट परिसर में करने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस प्रशासन द्वारा जिसे रोकने के लिये न्यूनतम बल प्रयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधन कराने के लिये जिला प्रशासन गंभीर है लेकिन किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं है।