हनी ट्रैप: खूबसूरती का जाल ब्लैकमेलिंग का खेल और फिर

लखनऊ: साइबर ठगी में अब ‘हनी ट्रैप’ का एक नया ट्रेंड चला है. हनी ट्रैप के तहत खूबसूरत युवतियां विडियो कॉल कर अपने मीठे-मीठे शब्दों के जाल में लोगों को फंसाती हैं. दोस्ती बढ़ने पर ये अश्लील विडियो कॉल करती हैं और उन्हें भी ऐसा ही करने को कहती हैं. बातचीत के दौरान अगर आप बहके तो समझो फंसे. युवतियां कॉल रेकॉर्ड कर विडियो वायरल करने की धमकी देकर लोगों से पैसे वसूलने का धंधा शुरू कर देती हैं. 

ऐसे ही इस बार हनी ट्रैप का शिकार हुए उत्तर प्रदेश के योगी सरकार में बेसिक शिक्षा के विशेष सचिव आरबी सिंह. युवती ने विशेष सचिव को अपनी बातों में फंसा कर दोस्ती की. फिर फोन नंबर लेकर बातचीत करने लगी. उसने उन्हें वीडियो कॉल लिया और अश्लील हरकत करने लगी और साथ में विडियो बना लिया. विडियो वायरल करने की धमकी देकर उसने पैसे मांगने शुरू किए. पैसा नहीं मिला तो युवती ने विशेष सचिव का अश्लील वीडियो वायरल कर दिया. शिकायत पर साइबर सेल मामले की जांच कर रही है. सूबे की राजधानी में हनी ट्रैप में फंसाकर रकम वसूलने का यह कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि यहां रोज ऐसे कई मामले देखने को मिलते हैं. हालांकि, ज्यादातर मामलों में लोग लोकलाज की डर से पुलिस में शिकायत नहीं करते, जो करते भी हैं तो ऐसे मामलों में साइबर सेल युवतियों को चिह्नित कर पकड़ पाने में कामयाब नहीं होती. क्योंकि, ज्यादातर कॉल युवतियां विदेशों से करतीं हैं या फिर देश में बैठकर कॉल विदेशों से इंटरकनेक्ट कर करतीं हैं.
वीडियो कॉल कर फंसाया, फिर की 5 लाख की डिमांड

ऐसा ही एक मामला गोमतीनगर के विजयंत खंड में सामने आया है. जुलाई माह की शुरुआत में ही अश्लील वीडियो कॉल करके पीड़ित को फंसाया गया और पांच लाख रुपये की मांग की गई. पीड़ित ने 86 हजार रुपये भी दे दिए. विभूतिखंड थाने में तैनात एसआई अख्तर उस्मानी ने बताया कि विजयंत खंड इलाके में रहने वाले शख्स के पास कुछ दिन पहले वॉट्सऐप पर विडियो कॉल आई. पीड़ित ने जैसे ही विडियो कॉल पिक की एक युवती बिना कपड़ों के दिखाई दी. बातचीत के बाद कॉल कट गई. इसके बाद उनके पास अलग-अलग नंबरों से फोन आने लगे.

फोन पर बताया गया कि विडियो कॉल की रिकॉर्डिंग कर ली गई है. रिकॉर्डिंग यू-ट्यूब व फेसबुक पर अपलोड कर बदनाम करने की धमकी भी दी गई. कुछ देर बाद दूसरे नंबर से कॉल आई. फोन करने वाले ने खुद को साइबर क्राइम सेल का इंस्पेक्टर बताते हुए कहा कि विडियो वायरल कर तुम्हें और तुम्हारे बेटे को बदनाम कर दूंगा. नौकरी, बेटे की जिंदगी और परिवार की इज्जत बचाना चाहते हो तो पांच लाख रुपये देने होंगे. पीड़ित ने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई. फोन करने वाले व्यक्ति ने गूगल-पे का नंबर देते हुए पैसे ट्रांसफर करने को कहा. खौफजदा पीड़ित और उसके बेटे ने अलग-अलग ट्रांजेक्शंन के जरिए 86,200 रुपये ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद और पैसों के लिए फोन आने लगे. आजिज आकर उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाई. मामले की जांच चल रही है.

वीडियो काल की स्क्रीन शॉट वायरल करने की दी धमकी, मांगे 10 लाख

बीते जुलाई माह में ही एक युवती ने निजी कंपनी के कर्मचारी को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और फिर चैटिंग शुरू कर दी. इसके बाद आधी रात को वीडियो कॉल करके वल्गर वीडियो चैट कर स्क्रीन शॉट लिए. फिर वायरल करने की धमकी देते हुए 10 लाख रुपये की मांग की. कर्मी ने गोमतीनगर विस्तार थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. इंस्पेक्टर के मुताबिक, पीडि़त युवक खरगापुर का रहने वाला है. वह एक निजी कंपनी में काम करता है. उसने बताया कि उसके पास आरती नाम की एक युवती की फेंड रिक्वेस्ट आई. उसने रिक्वेस्ट एक्सेप्ट की. इसके बाद वह चैटिंग करने लगे. कुछ दिन पूर्व उसने आधी रात को वीडियो कॉल की. काल रिसीव होते ही वह नग्न हो गई और अश्लील बाते करने लगी. फोन कट हुआ तो उसने कुछ स्क्रीन शॉट भेजे. वह देखकर कर्मचारी की हालत खराब हो गई. युवती ने फोन कर स्क्रीन शॉट वायरल करने की धमकी दी. विरोध पर 10 लाख रुपये की मांग की. धमकियों से परेशान होकर फेसबुक आईडी के आधार पर आरोपी युवती के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. इंस्पेक्टर ने बताया कि मामले की जांच साइबर क्राइम सेल कर रही है.

रोज 15-20 लोग पहुंच रहे साइबर सेल

साइबर सेल के एसीपी विवेक रंजन ने बताया कि अश्लील विडियो कॉल के जरिए वसूली के केस पिछले एक महीने से बढ़े हैं. रोजाना करीब 15 से 20 लोग शिकायत लेकर आते हैं. ये लोग अपराधी को पकड़े की बात तो कहते हैं, लेकिन बदनामी के डर से FIR नहीं लिखवाते हैं. अधिकतर मामलों में युवतियां फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती हैं और दोस्ती होने पर चैटिंग शुरू होती है. इसके बाद बात विडियो कॉलिंग तक पहुंच जाती है. युवतियां बिना कपड़ों के विडियो कॉल करती हैं. सामने वाले को भी ऐसा करने के लिए कहती हैं. इसके बाद कॉल रिकॉर्ड कर ब्लैकमेलिंग की जाती है.

साइबर फ्रॉड की घटनाएं बढ़ीं, 50 हजार शिकायत दर्ज

उत्तर प्रदेश की बात करें तो विभिन्न थानों में वर्ष 2019 में 10341, वर्ष 2020 में 11772 और वर्ष 2021 में अब तक 5077 केस पंजीकृत हुए हैं. इसके अलावा नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से 50 हजार शिकायत अब तक दर्ज हो चुकी हैं.

साइबर संसार में बरतें सावधानी

सोशल मीडिया पर किसी अंजान शख्स की फ्रेंड रिक्वेस्ट न एक्सेप्ट करें, अंजान नंबरों से आने वाले वॉट्सऐप मेसेज रिप्लाई न करें, फोन कॉल, मेसेंजर या वॉट्सऐप पर सबसे संतुलित और सभ्य बातचीत करें. फ्रॉड होने की स्थिति में सोशल मीडिया अकाउंट डिएक्टिवेट कर दें. वॉट्सऐप और फोनबुक से नंबर ब्लॉक कर दें. हिचकें नहीं, FIR दर्ज करवाएं. पुलिस पीड़ित का नाम गुप्त रखती है.

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