देश में कोरोना की दूसरी फेज का पीक मई के पहले हफ्ते में होगा। मतलब इस दौरान सबसे ज्यादा मरीज मिलेंगे। ये दावा IIT कानपुर के प्रोफेसर पद्मश्री मणिंद्र अग्रवाल की स्टडी में किया गया है। कंप्यूटर बेस्ड मॉडल पर प्रो. मणिंद्र और उनकी टीम ने देश के अलग-अलग राज्यों में पिछले 7 दिन में कोरोना के मिलने वाले औसतन केस पर स्टडी की। प्रो. मणिंद्र से मीडिया से बातचीत की।
पेश है पूरी रिपोर्ट…
महाराष्ट्र में घटेंगे केस, 7 राज्यों में पीक आना बाकी
प्रो. अग्रवाल के मुताबिक, महाराष्ट्र में कोरोना का पीक आ चुका है। यहां अब अगले कुछ दिनों में संक्रमितों की संख्या बढ़ने की बजाय घटने लगेगी। वहीं, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और राजस्थान में 20 से 30 अप्रैल के बीच सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज मिलेंगे। कंप्यूटर बेस्ड मॉडल से निकाले गए आंकड़ों को मानें तो पीक के समय उत्तर प्रदेश में एक दिन में सबसे ज्यादा 32,000 केस आएंगे। इसके बाद दिल्ली में यह आंकड़ा 30,000, पश्चिम बंगाल में 11,000, राजस्थान में 10,000 और बिहार में 9,000 के आसपास रहेगा।
कुंभ और चुनावी रैलियों का ज्यादा असर नहीं होगा
कुंभ और चुनावी रैलियों में उमड़ी भीड़ से कोरोना के ज्यादा फैलने के सवाल पर प्रो. मणिंद्र अग्रवाल ने कहा कि ऐसा नहीं होगा। कुछ मामलों में जरूर बढ़ोतरी होगी, लेकिन कोई ऐसा असर नहीं दिखेगा जिससे देश की स्थिति बिगड़ जाए। प्रो. अग्रवाल का सवाल है कि जो लोग बंगाल, केरल, तमिलनाडु में केस बढ़ने का कारण रैली और सभाओं को बता रहे हैं वो महाराष्ट्र और दिल्ली के लिए क्या कारण बताएंगे? उनका कहना है कि इन इवेंट्स का आयोजन खुली जगह में किया गया था। ऐसे में वायरस ज्यादा नहीं फैल सकता।
जब केस घटने लगे तो लोगों ने लापरवाही शुरू कर दी
प्रो. अग्रवाल बताते हैं कि कोरोना के पहले फेज में सामान्य और गरीब लोग ज्यादा चपेट में आए थे, क्योंकि बाहर रहकर काम करना इनकी मजबूरी थी। इनके पास बचाव के ज्यादा संसाधन भी नहीं थे। उस दौरान अपार्टमेंट्स, बड़े घरों में रहने वाले लोगों ने खुद को कैद कर लिया था।
वे आगे कहते हैं कि जब कोरोना के केस घटने लगे और वैक्सीनेशन शुरू हुआ तो बड़े घरों में रहने वाले भी घरों से खूब निकलने लगे। इसका असर यह हुआ कि इस फेज में सबसे ज्यादा यही लोग संक्रमित हुए। हर अपार्टमेंट में बड़े पैमाने पर लोग पॉजिटिव आ रहे हैं। इस बीच अलग-अलग तरह का कोरोना स्ट्रेन भी आया, जिनसे संक्रमण ज्यादा तेजी से फैलता है।
मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों का डेटा अभी स्पष्ट नहीं
प्रो. अग्रवाल ने बताया कि तमिलनाडु में कोरोना का पीक 6 मई तक आने का अनुमान है। हालांकि, अभी ये डेटा पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुआ है। इसी तरह गुजरात, मध्यप्रदेश, कर्नाटक जैसे राज्यों का डेटा भी अभी साफ नहीं है। इन राज्यों पर स्टडी अभी भी जारी है।
सबसे प्रभावित शहरों का हाल
शहर | पीक आने की संभावित तारीख |
पुणे | पैरामीटर लगातार बदल रहे हैं। डेटा स्पष्ट नहीं है। |
मुंबई | 20-25 अप्रैल |
बेंगलुरु | 1-12 मई |
ठाणे | पीक आ चुका है, हालांकि बदलाव हो सकते हैं। |
पटना | 19-25 अप्रैल |
नागपुर | 20-30 अप्रैल |
रायपुर | पीक से गुजर चुका है |
कोरबा (छत्तीसगढ़) | 19-25 अप्रैल |
रांची | 19-25 अप्रैल |
चेन्नई | 10-12 मई |
लखनऊ | 20-25 अप्रैल |
कानपुर | 19-25 अप्रैल |
नोएडा | 19-25 अप्रैल |
प्रयागराज | पीक आ चुका है। |
वाराणसी | 19-25 अप्रैल |