
गोरखपुर। सरयू की बाढ से गांवों को सुरक्षित रखने के लिए खडेसरी गांव में बनाया गया टेढिया बांध ठोकर नंबर 2 कट गया। जिससे बाढ का पानी खडेसरी व नरहरपुर गांव की ओर फैल रहा है। राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज में भी पानी भर गया है। सूचना मिलने के बाद हल्का लेखपाल ने बंधे का निरीक्षण कर तहसील प्रशासन को रिपोर्ट सौंप दी है।
मंगलवार की देर रात सरयू नदी का पानी होम्योपैथिक मेडिकल कालेज के पीछे स्थित ठोकर नंबर 2 पर ओवरफ्लो कर बहने लगा। बुधवार की सुबह अचानक करीब पांच मीटर की लंबाई में बंधा टूट गया। जिसके बाद मेडिकल कालेज में पानी भर गया। पानी का फैलाव खडेसरी से नरहरपुर तक हो गया है। इतना ही नहीं सरयू की बाढ से खडेसरी में भी रामजानकी मार्ग पर भी दबाव बढ़ गया है। खडेसरी के बलई यादव, राजेश यादव, सुनील सिंह, दिवाकर तिवारी, सुरेश सिंह, संजय तिवारी, आदित्य चैधरी, पंकज मौर्य रामनगीना साहनी का कहना है कि बंधा टूटने से फसल तो बर्बाद हुई अब घरों में भी पानी घुसने का अंदेशा बना है। रात में ओवरफ्लो होने की सूचना प्रशासन दी गई थी। यदि तत्काल कोई कार्रवाई की गई होती तो शायद बंधा नहीं कटा होता। इस संबंध में उपजिलाधिकारी गोला राजेन्द्र बहादुर का कहना है कि टेढिया बांध नहीं कटा है। वह बंधे से खडेसरी गांव के पुरवे में जाने वाला मार्ग है। पानी का बहाव कम होने पर मरम्मत कराई जाएगी।
बंधे की रखवाली में गुजर रही रात
राप्ती के बढते जलस्तर से दर्जनों तटवर्ती गांव बाढ के पानी से घिरे हुए हैं। नदी का दबाव गांवों को सुरक्षित रखने के लिए बनाए गए बंधों पर भी बढ रहा है। ऐसे में कंसासुर-खुटभार बांध की सुरक्षा भी खतरे में दिख रही है। आलम यह है कि बंधे की रखवाली में ही अब ग्रामीणों की रात गुजर रही है। कछार क्षेत्र के दर्जनों गांवों को बाढ से सुरक्षित रखने के लिए कंसासुर-खुटभार बांध का निर्माण कराया गया था। हर साल बंधे की सुरक्षा के नाम पर लाखों रूपये खर्च होते हैं। पूर्व में बंधे की बोल्डर पिचिंग भी कराई गई थी।

राप्ती की बाढ से बंधे की मिट्टी दरक रही है। स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों ने अपने तई बंधे की सुरक्षा के लिए बोरी झांगा आदि डाला मगर बंधे पर पानी के बढते दबाव से स्थिति चिंताजनक हो गई है। हालत यह है कि ग्रामीण रतजगा कर बंधे की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। ओंकार सिंह, रवि प्रताप, शिवशंकर दास, पप्पू सिंह, मुसाफिर सिंह सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि यदि कहीं से भी बंधा टूटा तो दर्जनों गांव बाढ की चपेट में आ जाएंगे। साथ ही कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्ग से कट जाएगा। इस संबंध में अवर अभियंता राजन सिंह ने कहाकि बंधे की सुरक्षा हेतु निगरानी के लिए प्रकाश की व्यवस्था की गई है। रात के समय में भी बंधे की निगरानी कर्मचारियों व ग्रामीणों द्वारा की जा रही है।