होम आइसोलेशन में आक्सीजन लेवल पर रखें नजर

◆ आक्सीजन का लेवल 94 तक हो तो न हों परेशान

◆ 94 से कम होने की स्थिति में डाक्टर से करें संपर्क

बहराइच । कोविड-19 का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर होता है, ऐसे में मरीजों को जल्दी-जल्दी सांस लेनी पड़ सकती है और थकान महसूस हो सकती है । इसके लिए जरूरी है कि अपने खानपान पर खास ध्यान दें और रोजाना सुबह सांस सम्बन्धी व्यायाम करें । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश मोहन श्रीवास्तव का कहना है कि ऐसे में होम आइसोलेशन में रहने वालों को समय-समय पर आक्सीजन स्तर की जांच करते रहना चाहिए । उनका कहना है कि आक्सीजन का स्तर 94 से अधिक है तो परेशान होने की कोई बात नहीं लेकिन यह 90 से 93 के बीच पहुँचता है तो तत्काल कंट्रोल रूम या चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए । आक्सीजन लेवल नीचे जाने से दिक्कत बढ़ सकती है और अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ सकता सकता है ।


अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जयंत का कहना है कि होम आइसोलेशन की गाइड लाइन में स्पष्ट निर्देश है कि कोरोना उपचाराधीन एवं देखभाल करने वाले व्यक्ति नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य पर नजर रखेंगे और कोई बदलाव महसूस करेंगे तो चिकित्सक को अवगत कराएँगे । इसमें यह भी हिदायत है कि शरीर में आक्सीजन की संतृप्तता (सेचुरेशन) 94 प्रतिशत से कम होती है या सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है तो कंट्रोल रूम से संपर्क करना चाहिए ।  ऐसा न करना घातक साबित हो सकता है । इसके अलावा सीने में लगातार दर्द व भारीपन होना, मानसिक भ्रम की स्थिति अथवा सचेत होने में असमर्थता, बोलने में दिक्कत, चेहरे या किसी अंग में कमजोरी और होंठों व चेहरे पर नीलापन आने की स्थिति में भी कंट्रोल रूम या तो चिकित्सक को बताना जरूरी होगा । 
डॉ जयंत का कहना है कि इसीलिए होम आइसोलेशन में रहने वाले लक्षण  विहीन कोविड पाजिटिव मरीजों को एक किट क्रय कर अपने पास रखनी होती है, जिसमें पल्स आक्सीमीटर, थर्मामीटर, मास्क, ग्लब्स, सोडियम हाइपोक्लोराईट साल्यूशन और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाली वस्तुएं शामिल होती हैं । 

  
देखभाल करने वालों के लिए हाथों की सफाई व मास्क बहुत जरूरी :
● उपचाराधीन या उसके किसी वस्तु के संपर्क में आने के बाद हाथों की सफाई अवश्य करें
● शौचालय का उपयोग करने के बाद, भोजन करने से पहले, भोजन तैयार करने से पहले और बाद में हाथों की सफाई अवश्य करें
● हाथ धोने के लिए कम से कम 40 सेकण्ड तक साबुन-पानी का उपयोग करें या अल्कोहल आधारित हैण्ड सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें
● हाथ धोने के बाद डिस्पोजेबल पेपर या निजी तौलिये से हाथों को पोछकर सुखा लें 
● इस दौरान मास्क का इस्तेमाल भी बहुत जरूरी है

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