मोर्हरम की सातवीं तारीख को शौहदाए कर्बला की याद में हुई मजलिसे

दीन-ए-इस्लाम को बचाने के लिए कुर्बान हुए हुसैन: रिजवी
भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। मोर्हरम की सातवीं तारीख को शहर सहित जैदी फार्म, लोहिया नगर में हज़रत इमाम हुसैन और शौहदाये कर्बला की याद में मजलिसे हुयी, जिसमें हजरत इमाम हसन के बेटे हजरत कासिम की शहादत बया की गयी।
रामबाग कालोनी स्थित सैयद बाकर जैदी के अज़ाखाने में ईरान से आये मौलाना सैयद अम्मार हैदर रिज़वी ने मजलिस को खिताब करते हुये कहा, हजरत इमाम हुसैन से यजीद की हुकूमत को कोई खतरा नहीं था, क्योंकि उनकी हुकूमत करने की ख्वाहिश नहीं थी। यजीद इमाम हुसैन से इसलिये बेअत (आधीनता) चाहता था ताकि, इमाम हुसैन यजीद के हर गैर इस्लामी, बेजा अमल को तसलीम कर लें और असल दीन-ए-इस्लाम को मिटाया जा सके, इसलिये हजरत इमाम हुसैन ने दीन-ए-इस्लाम को बचाने के लिये तीन दिन भूखा-प्यासा रहकर अपनी और 71 जानिसारों की कुर्बानी पेश की। प्रारम्भ में इनसे पूर्व सुप्रसिद्ध सौजख्वान खुरशीद अकबर जैदी ने सौज़ख्वानी की। मजलिस के बाद जुलूस-ए-अलम हजरत-ए-अब्बास गमगीन माहौल में बरामद हुआ, जिसमें जावेद रज़ा बाशु, शाहनवाज हुसैन, अर्शी नकवी आदि ने पुरसौज़ नौहे पढ़कर हुसैनियत का पैगाम दिया। बड़ी संख्या में मौजूद हुसैनी सौगवारों ने मातमपुर्सी की।
इन मार्गों पर होकर गुजरा जुलूस
जुलूस कौमी एकता मार्ग, शाहजलाल हॉल, जैदी साहब की नई कोठी के सामने से होता हुआ जैदी नगर सोसायटी स्थित इमामबारगाह पंजेतनी पहुंचकर सम्पन्न हुआ। इस दौरान जुलूस में डा. रिहान जैदी, सगीर जैदी, सुहैल जैदी की व्यवस्था रही। इसके अतिरिक्त शहर छत्ता अलीरज़ा वैली बाजार में रात्री आठ बजे जुलजनाह का जुलूस बरामद हुआ, जिसमें अंजुमन इमामिया के वाजिद अली गप्पू, चांद मियां, रविश, मीसम व विभिन्न अंजुमनों के नौहेख्वानों ने गमगीन नौहे पढ़े और बड़ी संख्या में मौजूद हुसैनी सौगवारों ने मातम किया। जुलूस वैली बाजार से गुजरता हुआ मनसबिया घण्टाघर पहुंचकर सम्पन्न हुआ। जुलूस में कडी सुरक्षा व्यवस्था रही।
इन्होंने कहा
मौहर्रम कमैटी के मीडिया प्रभारी अली हैदर रिज़वी ने बताया, आठ मौहर्रम को विभिन्न स्थानों से जुलूस-ए-अलम बरामद होंगे। मौलाना अफजाल हुसैन के अज़ाखाने कोठी अतानस से सायं 6 बजे काजिम हुसैन के अज़ाखाने हुसैनाबाद से तथा अज़ाखाना शायक अली कोटला से रात्री आठ बजे अलम-ए-मुबारक के जुलूस बरामद होंगे।